Rent-A-Husband Service: लातविया में पुरुषों की भारी कमी और ‘किराए के पति’ का बढ़ता चलन

Mon 08-Dec-2025,11:57 PM IST +05:30

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Rent-A-Husband Service: लातविया में पुरुषों की भारी कमी और ‘किराए के पति’ का बढ़ता चलन
  • लातविया में पुरुषों की 15% कमी के कारण महिलाएँ घरेलू काम और भावनात्मक सहारे के लिए किराए पर पति सेवा ले रही हैं। जानें पुरुषों की कमी के असली कारण।

Delhi / Delhi :

यूरोप का छोटा लेकिन सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश लातविया इन दिनों एक गंभीर सामाजिक और जनसांख्यिकीय संकट से जूझ रहा है। यहां महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में 15% से भी ज्यादा है, जिसके कारण समाज में कई तरह की अनोखी स्थितियां पैदा हो रही हैं। सबसे अधिक चर्चा में है,‘किराए पर पति’ या ‘Rent-A-Husband Service’- जहां महिलाएं घंटे के हिसाब से पुरुषों को घरेलू कामों, मरम्मत या अकेलेपन दूर करने के लिए बुक कर रही हैं।

न्यूयॉर्क पोस्ट और वर्ल्ड एटलस की रिपोर्टों के अनुसार, यह लैंगिक असंतुलन पिछले कई दशकों से लगातार बढ़ रहा है। आज स्थिति यह है कि देश में पुरुष 15.5% तक कम हैं, जो यूरोपीय संघ के औसत से तीन गुना ज्यादा असंतुलित है। विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के वर्ग में महिलाओं की संख्या पुरुषों से लगभग दोगुनी है। कई शहरों और दफ्तरों में पुरुषों की अनुपस्थिति रोजमर्रा की जिन्दगी में साफ दिखाई देती है।

लातविया में पुरुषों की कमी अचानक नहीं आई। इसके पीछे कई ऐतिहासिक और सामाजिक कारण हैं। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद पुरुषों में बेरोजगारी, आर्थिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ीं। काफी संख्या में पुरुष बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश चले गए। अत्यधिक शराब सेवन, धूम्रपान और तनाव के कारण पुरुषों की औसत उम्र भी महिलाओं की तुलना में काफी कम हो गई।

इसके अलावा यूरोपीय संघ की मुक्त आवाजाही के चलते लातविया से पुरुषों का बाहर जाना तेज हुआ, जबकि महिलाएं आमतौर पर पारिवारिक कारणों से देश में ही रहीं। कम जन्म दर ने भी इस असंतुलन को और गहरा किया।

इस लैंगिक असमानता का सबसे बड़ा असर लातवियाई महिलाओं पर पड़ा है। कई महिलाओं को जीवनभर कोई साथी नहीं मिल पाता। कई को शादी के लिए विदेशियों की ओर रुख करना पड़ रहा है। दफ्तरों में पुरुष मिलना मुश्किल है, और अधिकांश कामकाजी टीमें लगभग पूरी तरह महिला कर्मचारियों से बनी हैं।

इसी कमी के चलते ‘किराए के पति’ सेवाओं का चलन तेजी से बढ़ा है। ये पुरुष घर की मरम्मत, बढ़ईगिरी, प्लंबिंग, फर्नीचर फिटिंग, इलेक्ट्रिक काम और घर की जिम्मेदारियों को निभाते हैं। कुछ महिलाएं अकेलेपन को दूर करने के लिए इन्हें बातचीत के लिए भी बुलाती हैं। कई कंपनियां ऑनलाइन बुकिंग पर तुरंत सेवा उपलब्ध कराती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह असंतुलन लातविया के भविष्य के लिए गंभीर चेतावनी है। परिवार छोटे हो रहे हैं, जन्म दर और घट रही है, महिलाएं मानसिक रूप से अकेलेपन से गुजर रही हैं, और कई उद्योगों में पुरुष कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है। आने वाले 30–40 वर्षों में देश की जनसंख्या 20–30% तक घटने की आशंका है।

सरकार ने पुरुषों के स्वास्थ्य सुधार, शराब नियंत्रण, जन्म दर बढ़ाने और विदेश से प्रवासी पुरुषों को वापस लाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन परिस्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

लातविया का उदाहरण दुनिया के लिए चेतावनी है कि लैंगिक असंतुलन किसी समाज को कितनी तेज़ी से बदल सकता है। ‘किराए के पति’ सेवा अस्थायी राहत दे सकती है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। स्थायी सुधार के लिए स्वास्थ्य, रोजगार और जनसंख्या नीतियों में गंभीर बदलाव की जरूरत है।