इंडिगो संकट के बीच महबूबा का वार: वंदे मातरम बहस से क्या हल होगा?
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महबूबा मुफ्ती ने वंदे मातरम पर संसद बहस को खोखला बताते हुए कहा कि सरकार बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और यात्री संकट जैसे मुद्दों से ध्यान हटा रही है।
इंडिगो फ्लाइट रद्द होने से हजारों यात्री एयरपोर्ट्स पर फंसे, मुफ्ती ने इसे सरकार की प्राथमिकता की कमी और अव्यवस्था की ओर इशारा बताया।
संसद में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर 10 घंटे बहस, विपक्ष ने इसे जनता की समस्याओं से विमुख करने का प्रयास बताया।
दिल्ली/ वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद में चल रही बहस के बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब देश के हजारों लोग इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट रद्द होने के कारण एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं, तब सरकार “झूठे प्रतीकवाद” में व्यस्त दिख रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा वास्तविक समस्याओं से ध्यान हटाकर लोगों के सामने खोखले मुद्दे परोस रही है।
महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि संसद में वंदे मातरम जैसे 150 साल पुराने गीत पर 10 घंटे लंबी बहस की जा रही है, जबकि इंडिगो के यात्री हताश और बेबस होकर जवाबों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय जनता के संकटों को प्राथमिकता देने का था। उनके अनुसार, “यह राजनीतिक नाटक कैसे रोजगार पैदा करेगा, महंगाई कम करेगा या फिर लाखों भारतीयों के सामने खड़ी गंभीर समस्याओं का समाधान करेगा?”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही है। बेरोजगारी, महंगाई, हवाई यात्रा व्यवस्था, आर्थिक दबाव और नागरिक परेशानियों पर कोई ठोस चर्चा न होने को उन्होंने गंभीर चिंता बताया। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सामान्य नागरिक असल समस्याओं से जूझ रहे हैं जबकि संसद में भावनात्मक प्रतीकों पर लंबी बहस हो रही है।
इंडिगो एयरलाइंस की लगातार उड़ानें रद्द होने के कारण देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। हजारों यात्री घंटों से बेबस अपनी उड़ानों के दोबारा शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई यात्रियों ने खाने-पीने, मेडिकल जरूरत और समय पर जानकारी न मिलने जैसी समस्याओं की शिकायत की है।
इधर, संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहस की शुरुआत की, जिसके बाद कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव ने अपने-अपने विचार रखे। वंदे मातरम पर चर्चा लगभग 10 घंटे तक चलने वाली है, जिसे सरकार ऐतिहासिक महत्त्व से जोड़कर पेश कर रही है। वहीं विपक्ष इसे लोगों की समस्याओं से ध्यान भटकाने वाला मुद्दा बता रहा है।