स्टेज पर ट्रंप ने गले में मेडल पहनकर और हाथ में ट्रॉफी लेकर मुस्कुराते हुए पुरस्कार स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। इस मौके पर उन्होंने अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम का भी धन्यवाद किया। इन्फैंटिनो ने ट्रंप की गाजा संघर्ष में शांति स्थापित करने की भूमिका की तारीफ की और कहा कि ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य हैं।
फीफा पीस प्राइज को पहली बार शुरू किया गया है और इसके लिए कोई स्वतंत्र समिति नहीं है। जियानी इन्फैंटिनो और ट्रंप के करीबी रिश्तों के कारण ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप को ही इसका पहला विजेता चुना गया। फीफा ने इसे विशेष रूप से फुटबॉल के माध्यम से शांति और एकता फैलाने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए बनाया है। हालांकि सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा हो रही है और कई लोग इसे ‘ट्रंप को खुश करने वाला अवॉर्ड’ बता रहे हैं।
पुरस्कार समारोह में ट्रंप ने अपने भाषण में भावुक होते हुए कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि शांति और एकता की कोशिशें उनके जीवन का अहम हिस्सा रही हैं। जियानी इन्फैंटिनो ने ट्रंप को अवार्ड देते हुए कहा कि यह पुरस्कार उनके प्रयासों और उपलब्धियों का सम्मान है और इसे पहनकर वे दुनिया को शांति के संदेश दे सकते हैं। ट्रंप को एक गोल्ड ट्रॉफी और सर्टिफिकेट भी दिया गया, जिसमें लिखा था कि उन्होंने दुनिया में शांति और एकता बढ़ाने में योगदान दिया है।
यह घटना कई वजहों से चर्चा में रही। एक तो यह नोबेल शांति पुरस्कार नहीं है, जिसे ट्रंप कई बार जीतने का दावा कर चुके हैं। दूसरा, फीफा द्वारा शुरू किया गया यह पुरस्कार पूरी तरह से उनके नेटवर्क और फुटबॉल संगठन के माध्यम से दिया गया। गाजा में युद्धविराम कराने में ट्रंप की भूमिका की प्रशंसा हुई, लेकिन कई लोग इसे राजनीतिक तौर पर प्रभावित मान रहे हैं।
फीफा ने यह स्पष्ट किया कि पीस प्राइज का उद्देश्य केवल फुटबॉल के माध्यम से लोगों और देशों के बीच भाईचारा और शांति को बढ़ावा देना है। ट्रंप ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि यह सम्मान उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। उनका कहना था कि विवाह, राजनीति या अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में शांति स्थापित करना हर नेता का लक्ष्य होना चाहिए। इस नए पुरस्कार ने वैश्विक स्तर पर शांति और खेल के संगम की अनोखी मिसाल पेश की है, और ट्रंप को इसका पहला विजेता बनाकर फीफा ने यह संदेश दिया कि फुटबॉल सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ने और विवादों को सुलझाने का जरिया भी बन सकता है।
इस प्रकार, फीफा पीस प्राइज के तहत ट्रंप को सम्मानित किया गया और यह पुरस्कार न सिर्फ उनके राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों को मान्यता देता है, बल्कि फुटबॉल के माध्यम से शांति और एकता फैलाने की नई पहल को भी दर्शाता है। सोशल मीडिया और दुनिया भर के मीडिया ने इसे बेहद चर्चा का विषय बनाया, जहां इसे राजनीतिक रंग और खेल की एक अनोखी पहल दोनों के रूप में देखा गया।