पुरुष सुडौल महिलाओं को क्यों पसंद करते हैं? जानिए वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण
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वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि सुडौल शरीर स्वास्थ्य, संतुलन और उर्वरता का संकेत देता है, जिसे पुरुष अवचेतन रूप से आकर्षक पाते हैं।
मनोविज्ञान के अनुसार सुडौल आकृति आत्मविश्वास, ऊर्जा और सकारात्मक शारीरिक भाषा का प्रतीक मानी जाती है, जिससे आकर्षण और बढ़ता है।
न्यूरोसाइंस शोधों में पाया गया कि curvy body देखने से पुरुषों के brain reward system में सक्रियता बढ़ती है, जो आकर्षण का प्राकृतिक हिस्सा है।
एजीसीएनएन/ पुरुषों को सुडौल और आकर्षक शरीर वाली महिलाओं की ओर अधिक आकर्षण क्यों महसूस होता है? यह सवाल वर्षों से सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान और बायोलॉजी के विशेषज्ञों के अध्ययन का हिस्सा रहा है। नई शोध और कई वैज्ञानिक रिपोर्टों ने यह उजागर किया है कि इसके पीछे केवल व्यक्तिगत पसंद ही नहीं, बल्कि मानव विकास, जैविक संकेत और मनोवैज्ञानिक धारणा की जटिल परतें काम करती हैं।
सबसे पहले, विशेषज्ञ बताते हैं कि सुडौल शरीर, विशेषकर कमर और कूल्हों के संतुलन (Waist-to-Hip Ratio)—को स्वास्थ्य और उर्वरता का संकेत माना जाता है। कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि 0.7 के आसपास की वेस्ट-हिप रेशियो वाली महिलाएँ अधिक स्वस्थ, हार्मोनल रूप से संतुलित और प्रजनन क्षमता के मामले में मजबूत मानी जाती हैं। यही कारण है कि पुरुष अवचेतन रूप से ऐसे शरीर को बेहतर स्वास्थ्य और परिवार की निरंतरता के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
इसके अलावा, मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि सुडौल आकृति आत्मविश्वास, ऊर्जा और संतुलन का भी प्रतीक मानी जाती है। ऐसे शरीर का पोस्चर, चाल और शारीरिक भाषा संचार में अधिक सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, जिससे पुरुषों में सहज आकर्षण उत्पन्न होता है। अध्ययन यह भी बताते हैं कि आकर्षण का बड़ा हिस्सा बॉडी शेप से कम और स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सामाजिक संकेतों से अधिक जुड़ा होता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। फिल्मों, फैशन और डिजिटल मीडिया ने लंबे समय से “curvy is confident” की छवि को मजबूत किया है। कई समाजों में सुडौल शरीर को मेहनत, स्वास्थ्य और स्त्रीत्व के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जिससे यह आकर्षण और भी गहरा हो जाता है। यह भी पाया गया है कि बदलते सामाजिक मानकों के बावजूद, प्राकृतिक शरीर संरचना और उसके प्रति पसंद समय के साथ बहुत कम बदलती है।
वहीं न्यूरोसाइंस के शोध बताते हैं कि सुडौल आकृति देखने पर पुरुषों के मस्तिष्क के “रिवॉर्ड सेंटर” में सक्रियता बढ़ जाती है। यह वही हिस्सा है जो खुशी, संतुष्टि और आकर्षण से जुड़े निर्णयों को प्रभावित करता है। यह प्रतिक्रिया जन्मजात नहीं, बल्कि जैविक विकास से जुड़ी होती है, जो हजारों वर्षों की मानव प्रवृत्ति का परिणाम है।
महत्वपूर्ण यह है कि आकर्षण व्यक्तिगत और सांस्कृतिक दोनों तरह से प्रभावित होता है। हर पुरुष की पसंद अलग हो सकती है, और सुडौल शरीर पसंद आने का मतलब किसी अन्य शरीर प्रकार की नकारात्मकता नहीं है। आज का विज्ञान स्पष्ट करता है कि आकर्षण एक बहु-आयामी प्रक्रिया है, जो शरीर, मन, संस्कृति और अनुभव-all combined factors से निर्मित होती है।