Dr B R Ambedkar | Mahaparinirvan Diwas | बाबासाहेब अंबेडकर के 70वें महापरिनिर्वाण दिवस पर संसद में श्रद्धांजलि
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डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर संसद में श्रद्धांजलि.
चैत्यभूमि में हजारों समर्थकों ने किया सम्मान.
संविधान निर्माण और सामाजिक न्याय में योगदान पर प्रकाश.
Mumbai / बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के 70वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर संसद परिसर में शनिवार को विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. अंबेडकर को पुष्प अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विपक्षी नेता राहुल गांधी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और अनेक सांसद भी उपस्थित रहे। सभी ने संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रवर्तक डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद किया।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान और विचारों की महत्ता
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि डॉ. अंबेडकर हमारे संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे और समानता, गरिमा और भाईचारे के लिए उनका संघर्ष आज भी प्रेरणा देता है। उनके दूरदर्शी विचार आधुनिक, प्रगतिशील और समावेशी भारत की नींव बनाने में मार्गदर्शक साबित हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने डॉ. अंबेडकर के नेतृत्व और संविधान निर्माण में उनके योगदान की सराहना की और कहा कि उनके आदर्श भारतीय समाज की दिशा को निरंतर रोशन करते रहेंगे। राहुल गांधी ने बाबा साहब अम्बेडकर की शाश्वत विरासत को संविधान की रक्षा और समावेशी भारत के निर्माण में प्रेरक बताया।
महाराष्ट्र में चैत्यभूमि पर श्रद्धांजलि
साथ ही, समाज सुधारक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि पर मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि पर हजारों समर्थक एकत्र हुए। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे समेत कई नेता मौजूद थे। राज्यपाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने ऐसा संविधान दिया, जिसने सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान किए। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय और शिक्षा के प्रति बाबासाहेब का दृष्टिकोण आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
आंबेडकर के योगदान और भारत की प्रगति
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंबेडकर की दूरदर्शिता को राष्ट्र की प्रगति की नींव बताते हुए कहा कि उनके विचारों के कारण ही भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की संभावना है। फडणवीस ने राष्ट्रीय पावर ग्रिड और ऊर्जा सुरक्षा में डॉ. अंबेडकर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान ने मजबूत लोकतांत्रिक आधार और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार चैत्यभूमि स्मारक पर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर के विचारों और योगदान को याद करने और उनके आदर्शों के अनुरूप समाज में समानता, न्याय और भाईचारे को बढ़ावा देने का प्रतीक रहा। उनके दृष्टिकोण ने वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया और देश में न्यायपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील भारत की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।