Swaraj Kaushal Death: भारतीय राजनीति और न्यायपालिका के लिए बड़ी क्षति
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Swaraj Kaushal death news
वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 73 वर्ष में निधन.
पूर्व राज्यपाल और सुषमा स्वराज के पति रहे.
अंतिम संस्कार लोधी रोड श्मशान घाट पर आयोजित.
Mizoram / वरिष्ठ अधिवक्ता, मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल का निधन हो गया है। 73 वर्ष की आयु में उन्होंने 4 दिसंबर 2025 को अंतिम सांस ली। दिल्ली बीजेपी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर उनकी मौत की पुष्टि की और अंतिम संस्कार की जानकारी साझा की। उनका अंतिम संस्कार 4 दिसंबर, 2025 को शाम 4:30 बजे लोधी रोड श्मशान घाट में किया जाएगा।
एक शानदार कानूनी और राजनीतिक सफर
12 जुलाई 1952 को जन्मे स्वराज कौशल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी और पंजाब यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वकालत शुरू की और जल्द ही देश के नामी वकीलों में अपनी पहचान बना ली। वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रहे और कई महत्वपूर्ण मामलों में अपनी तेज बुद्धिमत्ता एवं सटीक तर्कों के लिए जाने गए।
सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने
स्वराज कौशल ने न केवल कानूनी दुनिया में बल्कि राजनीति में भी अमिट छाप छोड़ी। वे छह वर्ष तक राज्यसभा के सांसद रहे और उन्हें मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया। गौरतलब है कि वे देश के सबसे कम आयु वाले राज्यपाल बने थे, जो अपनी संवैधानिक समझ और कूटनीतिक क्षमता के लिए विशेष रूप से सराहे गए।
सुषमा स्वराज के साथ जीवन का लंबा सफर
1975 में स्वराज कौशल ने सुषमा स्वराज से विवाह किया। सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति की एक तेजस्वी और सम्मानित नेता थीं। वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं और बाद में 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। अगस्त 2019 में उनके निधन के बाद से स्वराज कौशल ने परिवार और सार्वजनिक जीवन के प्रति समर्पण बनाए रखा।
बांसुरी स्वराज को मिला राजनीतिक विरासत
उनकी बेटी बांसुरी स्वराज, जो स्वयं एक सफल अधिवक्ता हैं, वर्तमान में बीजेपी की नेता और दिल्ली से सांसद हैं। दिल्ली बीजेपी की ओर से जारी नोट में उनके पिता के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया और परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की गईं।
स्वराज कौशल का जीवन न्याय, कर्तव्य और सादगी का प्रतीक रहा। उनके निधन से देश ने एक सशक्त कानूनी मस्तिष्क, संवैधानिक विद्वान और विनम्र राजनेता को खो दिया है। उनका योगदान हमेशा राष्ट्र की स्मृति में जीवित रहेगा।