PMMSY के तहत डीप-सी फिशिंग वेसल सहायता से पारंपरिक मछुआरों को सशक्त बनाने में सरकार का बड़ा कदम
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PMMSY और FIDF के माध्यम से मत्स्य अवसंरचना, फिशिंग हार्बर, फिश लैंडिंग सेंटर और वैल्यू-चेन सुविधाओं के निर्माण से आजीविका एवं निर्यात क्षमता में वृद्धि हो रही है।
PMMSY पारंपरिक मछुआरों को डीप-सी फिशिंग वेसल, सुरक्षा उपकरण, प्रशिक्षण और निर्यात क्षमता समर्थन देकर समुद्री मत्स्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ा रहा है।
Delhi/ भारत सरकार का मत्स्यपालन विभाग समुद्री मत्स्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए तीव्र गति से कार्य कर रहा है। इसी दिशा में प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) पारंपरिक और लघु स्तरीय मछुआरों को डीप-सी फिशिंग के लिए सक्षम बनाने का सबसे महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरी है। योजना के तहत मछुआरों को अत्याधुनिक डीप-सी फिशिंग वेसल (DSFV) उपलब्ध कराने, पुराने नौकाओं के उन्नयन, समुद्री सुरक्षा उपकरण, बीमा सहायता और अंतरराष्ट्रीय निर्यात क्षमता के विकास पर विशेष फोकस है।
मत्स्यपालन विभाग “Whole of Government Approach” को अपनाते हुए सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से संयुक्त कार्य समूह (JWG) के माध्यम से डीप-सी फिशिंग, वैल्यू-चेन विकास, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। सहकारिता मंत्रालय सहकारी संस्थाओं की मजबूती और National Cooperative Development Corporation (NCDC) के माध्यम से ऋण सहायता उपलब्ध कराकर इस प्रयास को और सशक्त करता है। इस मॉडल की सफलता महाराष्ट्र में स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जहां NCDC ने 14 DSFV परियोजनाओं को 20.30 करोड़ रुपए की लागत के साथ वित्तीय सहयोग प्रदान किया। इसमें 11.55 करोड़ रुपए NCDC ऋण, 6.72 करोड़ रुपए PMMSY सहायता और 2.03 करोड़ रुपए सोसायटी योगदान शामिल रहा। इसी मॉडल के अंतर्गत मुंबई की दो मछुआरा समितियों को हाल ही में 2 DSFV जहाज 27 अक्टूबर 2025 को प्रदान किए गए, जिससे मछुआरों को गहरे समुद्र में सुरक्षित और उच्च मूल्य वाली मत्स्य पकड़ के नए अवसर प्राप्त होंगे।
सरकार का उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र को केवल उत्पादन तक सीमित न रखते हुए उसे आर्थिक, तकनीकी, कौशल और निर्यात-उन्मुख क्षेत्र के रूप में विकसित करना है। PMMSY के साथ-साथ मछरी पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) को भी मजबूत किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 7522.48 करोड़ रुपए के फंड से देशभर में आधुनिक मत्स्य अवसंरचना का विस्तार किया जा रहा है। सरकार ने FIDF के अंतर्गत क्रेडिट गारंटी सुविधा को वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है, जिससे अधिक संस्थाएं रियायती वित्त का लाभ उठा सकेंगी।
PMMSY पारंपरिक मछुआरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए उच्च गति नौकाओं, जाल, संचार एवं ट्रैकिंग उपकरण, समुद्री सुरक्षा किट, बीमा, सीवीड खेती, बाइवाल्व कल्चर, कोल्ड-चेन विकास, मत्स्य विपणन, प्रशिक्षण और कौशल विकास जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर भी सहायता प्रदान करती है। साथ ही, फिशिंग हार्बर और फिश लैंडिंग सेंटर का निर्माण सुरक्षित बर्थिंग, उच्च स्वच्छता मानकों और मूल्य-श्रृंखला को मजबूती देने में सहायक होगा।
राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह (लल्लन सिंह) ने स्पष्ट कहा कि सरकार मछुआरों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीक, ऋण सहायता और बीमा सुरक्षा के साथ सतत, सुरक्षित एवं निर्यात-उन्मुख समुद्री मत्स्य प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।