24 घंटे की तकनीकी खराबी के बाद दिल्ली ATS System पूरी तरह बहाल, उड़ान संचालन सामान्य, जांच के निर्देश
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केंद्रीय मंत्री के मध्यरात्रि निरीक्षण और अतिरिक्त तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती से सिस्टम रिकवरी तेज हुई, मैन्युअल संचालन से यात्री सुरक्षा सुनिश्चित।
भविष्य में समस्या दोहराव रोकने के लिए मूल कारण विश्लेषण और फ़ॉलबैक सर्वर आधारित तकनीकी सुधार का निर्देश जारी।
Delhi/ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) संदेश प्रणाली में 6 नवंबर 2025 की दोपहर अचानक आई तकनीकी खराबी के कारण हवाई यातायात व्यवस्था प्रभावित हो गई। यह समस्या लगभग 18 घंटे तक बनी रही और 7 नवंबर की सुबह तक चरणबद्ध रूप से सुधार प्रारंभ किया गया। खराबी के चलते कुल 46 उड़ानों में देरी हुई, जबकि कुछ उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
समस्या सामने आते ही भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), एयर नेविगेशन सर्विसेज (ANS) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) की तकनीकी टीमों ने 24 घंटे निरंतर कार्य किया। मरम्मत कार्यों को तेज करने के लिए ECIL ने अतिरिक्त विशेषज्ञों को मौके पर भेजा। सिस्टम डाउन रहने के दौरान एटीसी कर्मचारियों ने यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उड़ानों को मैन्युअल रूप से संचालित किया और हवाई यातायात की निरंतरता सुनिश्चित की।
7 नवंबर की देर रात केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राममोहन नायडू ने रात 10 बजे दिल्ली एएनएस केंद्र पहुँचकर स्थिति की समीक्षा की। उनके साथ नागर विमानन सचिव श्री समीर कुमार सिन्हा, एएआई के अध्यक्ष श्री विपिन कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। मंत्री महोदय ने तकनीकी मरम्मत में तेजी लाने, संचालन में एटीसी स्टाफ बढ़ाने और यात्रियों को होने वाली असुविधा को न्यूनतम करने के स्पष्ट निर्देश दिए।
सभी एजेंसियों के समन्वित प्रयासों और मंत्रालय की निरंतर निगरानी के बाद 8 नवंबर की दोपहर प्रणाली फिर से पूर्णतः स्वचालित मोड पर बहाल कर दी गई। बहाली के बाद हवाई अड्डे पर आज एक भी उड़ान रद्द नहीं करनी पड़ी। शाम को श्री नायडू ने एटीसी टावर का दौरा कर सामान्य परिचालन की समीक्षा की और पूरी रात काम करने वाले अभियंताओं एवं कर्मियों की प्रतिबद्धता की सराहना की।
मंत्री ने आगे निर्देश दिया है कि इस तकनीकी खराबी के मूल कारण का विस्तृत विश्लेषण किया जाए और भविष्य में ऐसी समस्या न हो, इसके लिए प्रणाली को अतिरिक्त एवं फ़ॉलबैक सर्वर आधारित सुरक्षा के साथ उन्नत बनाया जाए।