वंदे मातरम् के 100 वर्ष: पीएम मोदी ने उजागर किया इतिहास का काला कालखंड और देशभक्ति के संघर्ष की याद
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वंदे मातरम् स्वदेशी आंदोलन का सबसे शक्तिशाली प्रतीक बना।
अंग्रेजों ने गीत गाने और बोलने पर कठोर प्रतिबंध लगाए।
बंकिम चंद्र चटर्जी की रचना ने स्वतंत्रता संघर्ष को नई ऊर्जा दी।
Delhi / लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गीत की ऐतिहासिक और भावनात्मक शक्ति पर विस्तार से बात की। उन्होंने याद दिलाया कि बंगाल के विभाजन के दौर में स्वदेशी आंदोलन चरम पर था और तभी वंदे मातरम् पूरे देश में गूंज उठा। अंग्रेज शासन भी इसके प्रभाव से इतना डर गया कि उन्होंने इस गीत को गाने, छापने और यहां तक कि इसका नाम लेने पर भी कठोर सज़ा लागू कर दी।