Wardha Central University: शिक्षकों पर हिंदी विश्वविद्यालय का तुगलकी आदेश, कुलपति की मर्जी से जा सकेंगे बाहर
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दिसंबर 2025 परीक्षाओं का समय सारणी जारी। 11–27 दिसंबर तक दो पालियों में परीक्षा। UGC कोड अनुसार सभी कर्मचारियों की अनिवार्य उपस्थिति आवश्यक।
UGC 2018 अधिसूचना के अनुसार परीक्षा, मूल्यांकन और अनुशासन को शिक्षक की व्यावसायिक जिम्मेदारी बताते हुए विश्वविद्यालय ने जिम्मेदारियों को पुनः परिभाषित किया।
वर्धा। वर्ष 2025 की वार्षिक परीक्षाओं को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विस्तृत और महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसमें परीक्षा कार्यक्रम से लेकर संकाय सदस्यों की उपस्थिति, अवकाश स्वीकृति प्रक्रिया और मूल्यांकन व्यवस्थाओं तक कई अहम प्रावधान शामिल किए गए हैं। विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत इस आदेश का मुख्य उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को समयबद्ध, पारदर्शी और अनुशासित रखना है, ताकि छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए परीक्षा अवधि का संचालन बाधारहित हो।
अधिसूचना के अनुसार विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएँ 11 दिसंबर 2025 से 27 दिसंबर 2025 तक दो पालियों में आयोजित की जाएँगी। कार्यक्रम को समय से पहले घोषित करने के पीछे विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि परीक्षाओं से जुड़े सभी विभागों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके और किसी भी प्रकार की व्यवस्थागत बाधा न उत्पन्न हो। आदेश में उल्लेख किया गया है कि परीक्षा संचालन को विश्वविद्यालय की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है और इस अवधि में किसी भी कर्मचारी द्वारा लापरवाही या अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने संकाय सदस्यों को याद दिलाया है कि परीक्षा केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता और शैक्षिक गुणवत्ता का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब होती है। इसी कारण सक्षम प्राधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रत्येक शिक्षक और कर्मचारी की परीक्षा अवधि में पूर्ण उपस्थिति अपेक्षित है। यदि किसी सदस्य को किसी कारणवश अवकाश लेना पड़ता है, तो उसके आवेदन को विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष, परीक्षा केंद्र अधीक्षक तथा अधिसत्र परीक्षा अधिकारी की संस्तुति सहित कुलपति के समक्ष भेजना अनिवार्य होगा। वहीं गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के अवकाश आवेदन कुलसचिव के पास अंतिम स्वीकृति हेतु भेजे जाएँगे।
अधिसूचना में UGC की 18 जुलाई 2018 की अधिसूचना (Regulation 17.9 – Code of Professional Ethics) का विशेष उल्लेख किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक शिक्षक पर परीक्षा संचालन, मूल्यांकन, अनुशासन और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सहयोग करना अनिवार्य है। इस प्रावधान के अनुरूप कक्ष निरीक्षण, उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन, प्रश्नपत्र प्रबंधन और परीक्षा केंद्र संचालन जैसी भूमिकाओं को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इसे शिक्षक की पेशेवर जिम्मेदारी घोषित किया गया है।
विश्वविद्यालय ने सभी विभागाध्यक्षों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि उनके विभाग का प्रत्येक सदस्य निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारियाँ निभाए। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा संचालन में की गई छोटी से छोटी चूक भी विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकती है, इसलिए सभी को अपने स्तर पर अधिकतम सतर्कता रखनी होगी।
अधिसूचना के अंत में यह दोहराया गया है कि परीक्षा से जुड़े सभी निर्देश सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किए गए हैं और उनका कड़ाई से पालन अनिवार्य है।