Wardha Central University: हिन्दी विश्वविद्यालय का छात्रों के लिए जारी हुआ फ़रमान
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विश्वविद्यालय ने सत्रांत परीक्षा 2025 को देखते हुए 1 जनवरी 2026 तक सभी छात्र कार्यक्रम, विरोध प्रदर्शन और जुलूसों पर रोक लगाई। परिपत्र समिति की अनुशंसा पर जारी।
वर्धा/ दिसंबर 2025 की सत्रांत परीक्षाओं को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा निर्णय लेते हुए परिसर में होने वाले सभी छात्र कार्यक्रमों, विरोध प्रदर्शनों, धरनों, जुलूसों और सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय विश्वविद्यालय द्वारा जारी कार्यालयादेश क्रमांक 21/PRO/AC & AS /2025/28/314, दिनांक 16 नवंबर 2025 में गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर लिया गया है।
परीक्षा व्यवस्था सुचारू रखने के लिए निर्णय
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सत्रांत परीक्षाओं के दौरान परिसर में शांतिपूर्ण और अनुशासित वातावरण बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से आगामी 1 जनवरी 2026 तक परिसर में किसी भी प्रकार की छात्र-राजनीतिक गतिविधि या सामूहिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रशासन के अनुसार, परीक्षाओं के दौरान भीड़, शोर-शराबे या राजनीतिक गतिविधियों से छात्रों की तैयारी तथा परीक्षा संचालन प्रभावित हो सकता है। इसलिए समिति ने इन गतिविधियों को अस्थायी रूप से स्थगित करने की सिफारिश की थी, जिसे सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बाद लागू कर दिया गया है।
किस प्रकार की गतिविधियों पर रोक?
जारी आदेश के अनुसार, निम्न सभी गतिविधियाँ प्रतिबंधित रहेंगी-
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छात्र संगठनों के किसी भी प्रकार के कार्यक्रम
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विरोध प्रदर्शन, धरना, जुलूस
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सार्वजनिक भाषण या सभा
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किसी भी सामूहिक छात्र-राजनीतिक गतिविधि
इन गतिविधियों पर रोक अस्थायी है और 1 जनवरी 2026 तक ही लागू रहेगी। उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
परिपत्र सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से जारी
विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि यह परिपत्र सक्षम प्राधिकारी की अनुमति प्राप्त होने के बाद जारी किया गया है। प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे परीक्षा अवधि में सहयोग करें और नियमानुसार शैक्षणिक माहौल बनाए रखने में योगदान दें।