प्रयागराज का अत्याधुनिक बायो-CNG प्लांट स्वच्छ ऊर्जा, कचरा प्रबंधन और किसानों को नई मजबूती देता है
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प्रयागराज का बायो-CNG प्लांट प्रतिदिन 343 टन ऑर्गेनिक कचरे को प्रोसेस कर 21 टन स्वच्छ बायो-CNG तैयार कर शहर को कचरा-मुक्त बना रहा है।
मल्टी-फीडस्टॉक मॉडल वाले इस प्लांट में पुआल, गोबर व पोल्ट्री लिटर से ऊर्जा उत्पादन कर पराली जलाने व प्रदूषण को कम किया जा रहा है।
Prayagraj/ स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0 के तहत कचरा प्रबंधन को प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसी दिशा में प्रयागराज में देश के सबसे उन्नत बायो-CNG वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट का शुभारंभ किया गया है, जो न केवल शहर के कचरे का वैज्ञानिक निपटारा करेगा बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और किसानों को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
यह अत्याधुनिक संयंत्र प्रतिदिन 343 टन ऑर्गेनिक वेस्ट को प्रोसेस कर लगभग 21 टन बायो-CNG तैयार करता है। इसमें धान की पुआल, गोबर, पोल्ट्री लिटर और नगर निगम का ठोस कचरा शामिल है। प्रयागराज नगर निगम द्वारा प्रतिदिन 125 MT गीला कचरा उपलब्ध कराया जा रहा है, जो प्रारंभिक चरण के 7–8 MT से कई गुना अधिक है। इससे शहर की स्वच्छता व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
इस परियोजना की सबसे बड़ी खासियत इसका मल्टी-फीडस्टॉक मॉडल है, जिसके तहत अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त कार्बनिक अवशेषों को एक ही प्रणाली में संसाधित किया जाता है। इससे कचरा निपटान के साथ-साथ पराली जलाने की समस्या पर भी नियंत्रण करने में मदद मिलेगी, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
संयंत्र प्रतिदिन 28 टन उच्च गुणवत्ता वाली कम्पोस्ट भी तैयार करता है, जिसे स्थानीय किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यह कम्पोस्ट मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और Regenerative Farming को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इस प्रयास ने प्रयागराज को कचरा-मुक्त, प्रदूषण-मुक्त और ऊर्जा-सक्षम शहर बनाने की दिशा में नई गति प्रदान की है।