क्या रोक सकेगा ₹5000 का जुर्माना दिल्ली में प्रदूषण?

Wed 10-Dec-2025,01:39 AM IST +05:30

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क्या रोक सकेगा ₹5000 का जुर्माना दिल्ली में प्रदूषण?
  • दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए खुले में कूड़ा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया और उल्लंघन पर 5,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया।

  • मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ओपन बर्निंग को रोकने के लिए पर्यावरण विभाग, जिला प्रशासन और नगर निगम को सख्त निगरानी और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
     

  • दिल्ली में AQI लगातार खराब स्तर पर है, ऐसे में खुले में कचरा जलाने पर रोक प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Delhi / Delhi :

दिल्ली/ दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक सख्त और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए खुले में कूड़ा या किसी भी प्रकार का कचरा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा और इसका उद्देश्य राजधानी में प्रदूषण के सबसे खतरनाक स्रोतों में से एक ओपन बर्निंग को नियंत्रित करना है।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है। लंबे समय से प्रदूषण दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। हालांकि मंगलवार को करीब 9 दिनों बाद मामूली सुधार दर्ज किया गया, लेकिन AQI अभी भी 250–300 की रेंज में खराब श्रेणी में बना हुआ है। ऐसे में सरकार का यह कदम लंबे समय से उठाए जाने वाले प्रभावी उपायों में से एक माना जा रहा है।

₹5,000 तक का जुर्माना- जिला प्रशासन को अधिकार

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण के हर छोटे-बड़े स्रोत पर नियंत्रण के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पर्यावरण विभाग, जिला प्रशासन और दिल्ली नगर निगम ओपन बर्निंग रोकने के लिए सख्त निगरानी रखें।

यदि कोई व्यक्ति कूड़ा, पत्तियां, प्लास्टिक, लकड़ी या किसी भी प्रकार का कचरा खुले में जलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यह अधिकार स्थानीय प्रशासन और नगर निगम को दिया गया है ताकि कार्यवाही तुरंत और प्रभावी हो सके।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए बड़ा कदम

सरकार के अनुसार, दिल्ली में कुल प्रदूषण में ओपन बर्निंग का योगदान 6–7% तक पाया गया है। सर्दियों में तापमान गिरने के साथ हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे खुले में जलाया गया कचरा और धुआं वायु गुणवत्ता को और अधिक खराब कर देता है।

इस प्रतिबंध का उद्देश्य न केवल प्रदूषण के स्तर को कम करना है, बल्कि दिल्ली में स्वच्छ पर्यावरण और रहने योग्य माहौल की दिशा में एक ठोस और प्रभावी पहल करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह आदेश सख्ती से लागू किया गया, तो वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल सकता है।