उपराष्ट्रपति ने एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी को श्रद्धांजलि दी, कर्नाटक संगीत में अमर योगदान की सराहना
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उपराष्ट्रपति ने सुब्बुलक्ष्मी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनकी साधना और कला ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई वैश्विक पहचान दिलाई।
उन्होंने बताया कि सुब्बुलक्ष्मी की आवाज में निहित आध्यात्मिकता और शुचिता ने संगीत प्रेमियों और कलाकारों की कई पीढ़ियों को निरंतर प्रेरित किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनकी विरासत भारतीय संस्कृति, कर्नाटक संगीत और कलात्मक उत्कृष्टता के स्वर्ण अध्याय के रूप में आने वाले समय में भी अमर रहेगी।
Delhi/ उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने आज कर्नाटक संगीत की महान गायिका और भारत रत्न सम्मानित श्रीमती एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि सुब्बुलक्ष्मी की मधुर और आध्यात्मिकता से पूर्ण आवाज भारतीय शास्त्रीय संगीत की ऐसी धरोहर है, जिसने देश की सांस्कृतिक पहचान को विश्व मंच पर नई प्रतिष्ठा दिलाई। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनकी साधना, समर्पण और कलात्मक शुचिता ने न सिर्फ कर्नाटक संगीत को वैश्विक पहचान दिलाई, बल्कि अनगिनत संगीत साधकों के लिए प्रेरणा का अनमोल मार्ग भी प्रशस्त किया।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सुब्बुलक्ष्मी की कालातीत विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए उत्कृष्टता, शुचिता और भारतीय संगीत की गरिमा का प्रकाशस्तंभ बनी रहेगी, जो संस्कृति और कला की निरंतरता को सुदृढ़ करती है।