बस्तर ओलंपिक 2024 शुरू; 3,000 खिलाड़ी और पुनर्वासित युवा खेल व संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे
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करीब 500 नक्सल पीड़ित और पुनर्वासित युवा खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संदेश दे रहे हैं।
जगदलपुर तीन दिनों तक गेंड़ी, फुगड़ी, रस्साकसी, कबड्डी सहित दर्जनों पारंपरिक खेलों का केंद्र बनकर खेल–संस्कृति को बढ़ावा देगा।
बस्तर ओलंपिक 2024 में 3,000 से अधिक खिलाड़ी पारंपरिक और आधुनिक खेलों में प्रतिभा दिखाएंगे, जिससे क्षेत्रीय खेल संस्कृति को नई पहचान मिल रही है।
Bastar/ छत्तीसगढ़ में खेल और संस्कृति की समृद्ध विरासत को एक मंच पर लाने वाले “बस्तर ओलंपिक 2024” का आज से औपचारिक शुभारंभ हो रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बस्तर की पारंपरिक खेल संस्कृति को संरक्षित करना, स्थानीय युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देना और समाज में आपसी सौहार्द को मजबूत बनाना है। 11 से 13 दिसंबर तक जगदलपुर में होने वाले संभाग स्तरीय मुकाबलों में विभिन्न जिला स्तरों पर चयनित लगभग 3,000 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। ये खिलाड़ी पारंपरिक खेलों के साथ-साथ आधुनिक खेलों में भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
इस वर्ष बस्तर ओलंपिक का विशेष आकर्षण लगभग 500 नक्सल पीड़ित और पुनर्वासित नक्सलियों की सहभागिता है। खेल के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में उनकी वापसी को प्रशासन, खेल संगठनों और स्थानीय समुदाय द्वारा एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल माना जा रहा है।
जगदलपुर इन तीन दिनों तक खेल गतिविधियों का केंद्र बना रहेगा। गेंड़ी, फुगड़ी, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, तीरंदाजी जैसे पारंपरिक खेलों के साथ अनेक प्रतिस्पर्धाएँ आयोजित होंगी। आयोजन के लिए समुदाय, खिलाड़ियों और जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ की हैं।
बस्तर ओलंपिक न केवल खेल प्रतिभाओं को निखारने का मंच है, बल्कि यह सामाजिक एकता, पारंपरिक विरासत और युवाओं के सकारात्मक भविष्य को दिशा देने का माध्यम भी बन चुका है।