ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर लगाया प्रतिबंध

Wed 10-Dec-2025,11:37 PM IST +05:30

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ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर लगाया प्रतिबंध
  • ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर पाबंदी लगाकर डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में दुनिया का सबसे सख्त कानून लागू किया।

  • नए कानून के तहत प्लेटफॉर्म्स को यूज़र की उम्र सत्यापित करनी होगी, उल्लंघन पर लगभग 295 करोड़ रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

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    विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, स्क्रीन टाइम नियंत्रण और सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण को लेकर वैश्विक नीति का नया मानक तय करेगा।

Delhi / Delhi :

Delhi / ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर दुनिया में पहली बार बेहद कठोर और ऐतिहासिक नियम लागू करते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। 10 दिसंबर 2025 से प्रभावी यह कानून टिकटॉक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे लोकप्रिय ऐप्स के उपयोग को पूरी तरह बंद कर देगा। यह कदम बच्चों की डिजिटल सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और अत्यधिक स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने की दिशा में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा निर्णय माना जा रहा है।

यह प्रतिबंध नवंबर 2024 में पारित उस ऐक्ट पर आधारित है, जिसमें किसी भी प्लेटफ़ॉर्म को यह साबित करना अनिवार्य है कि उपयोगकर्ता की उम्र कम से कम 16 वर्ष है। यदि कोई सोशल मीडिया कंपनी ऐसा करने में असफल रहती है, तो उस पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (करीब 295 करोड़ रुपये) का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इस कानून की रोचक बात यह है कि दंड का पूरा भार कंपनियों पर डाला गया है और बच्चों या उनके माता-पिता पर कोई भी कानूनी दंड नहीं लगाया जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया की सरकार और विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, नींद, व्यवहार और भावनात्मक संतुलन पर गंभीर प्रभाव डाला है। साइबर बुलिंग, कंटेंट एडिक्शन और अनुचित सामग्री के संपर्क को भी बड़ा खतरा माना गया है। इसीलिए सरकार ने उम्र को आधार बनाकर डिजिटल एक्सपोज़र पर नियंत्रण लगाने की दिशा में यह कड़ा फैसला लिया है।

विश्व के कई देशों ने अपने-अपने तरीके से नाबालिगों के सोशल मीडिया उपयोग को नियंत्रित करने का प्रयास किया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया का मॉडल सबसे सख्त और प्रभावी बताया जा रहा है। ब्रिटेन ने ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट 2025 लागू किया है जिसमें कंपनियों पर उम्र सत्यापन अनिवार्य किया गया है, हालांकि वहां अभी कोई निश्चित आयु-सीमा तय नहीं है। चीन “माइनर मोड” के ज़रिये स्क्रीन टाइम और कंटेंट को नियंत्रित करता है।

डेनमार्क ने नवंबर 2025 में 15 वर्ष से कम बच्चों पर सोशल मीडिया उपयोग प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी, जबकि 13 वर्ष तक के बच्चों को माता-पिता की अनुमति से कुछ प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे। फ्रांस और जर्मनी में भी अभिभावक अनुमति आधारित मॉडल लागू है, लेकिन तकनीकी चुनौतियों के कारण इसे पूरी तरह लागू करना अभी भी कठिन बना हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया का यह क़दम वैश्विक डिजिटल सुरक्षा नीति में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल आने वाले समय में कई देशों को अपने कानून सख्त करने के लिए प्रेरित करेगा। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षित डिजिटल वातावरण को सुनिश्चित करने के लिए यह नीति एक महत्वपूर्ण दिशा प्रदान करती है।