लखीमपुर में 80 वर्षीय वृद्ध का सफल कूल्हा प्रत्यारोपण, आयुष्मान से राहत

Thu 11-Dec-2025,11:34 PM IST +05:30

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लखीमपुर में 80 वर्षीय वृद्ध का सफल कूल्हा प्रत्यारोपण, आयुष्मान से राहत
  • लखीमपुर में 80 वर्षीय वृद्ध का सफल टोटल हिप रिप्लेसमेंट किया गया। इलाज आयुष्मान योजना के तहत पूरी तरह मुफ्त हुआ, परिवार ने राहत जताई।

Uttar Pradesh / Lakhimpur :

लखीमपुर/ लखीमपुर खीरी जिले में एक 80 वर्षीय वृद्ध के लिए आधुनिक चिकित्सा तकनीक किसी संजीवनी से कम साबित नहीं हुई। ग्राम पचपेड़ी निवासी सीताराम, जो पिछले दिनों गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई थी, जिससे वे पूरी तरह चलने-फिरने में असमर्थ हो गए थे। परिजनों ने उन्हें तुरंत सलूजा नर्सिंग होम प्रा. लि. में भर्ती कराया, जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत सिंह सलूजा ने जांच के बाद टोटल हिप रिप्लेसमेंट (THR) यानी पूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण का निर्णय लिया।

उम्र अधिक होने के कारण इस सर्जरी को जोखिमपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि 75 वर्ष से ऊपर के मरीजों में हड्डियों की कमजोरी, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव और एनेस्थीसिया के प्रति संवेदनशीलता जैसी चुनौतियां सामने आती हैं। इसके बावजूद अनुभवी चिकित्सकीय टीम ने धैर्य, कौशल और अत्याधुनिक उपकरणों के साथ सफलतापूर्वक यह जटिल सर्जरी पूरी की।

सर्जरी के बाद सीताराम की हालत स्थिर है और चिकित्सक उन्हें तेजी से स्वस्थ होने की उम्मीद जता रहे हैं।

आयुष्मान योजना से नहीं देना पड़ा कोई शुल्क

डॉ. अमरजीत सिंह सलूजा ने बताया कि सीताराम का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया है। योजना लागू होने से मरीज के परिवार को लाखों रुपये की आर्थिक परेशानी से राहत मिली। आमतौर पर टोटल हिप रिप्लेसमेंट की लागत 1.5 से 2 लाख रुपये तक होती है, लेकिन आयुष्मान कार्ड की वजह से पूरा इलाज मुफ्त हुआ।

अस्पताल की डायरेक्टर ने बताया कि परिवार इस बात से बेहद खुश है कि सर्जरी स्थानीय स्तर पर ही संभव हो सकी, वरना उन्हें बड़े शहरों में जाना पड़ता। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए जा रहे हैं, जिससे बुजुर्गों को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिल सके।

आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिल सकता है, जिसका लाभ अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी तेजी से उठा रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, वृद्ध मरीज अब धीरे-धीरे फिजियोथेरेपी शुरू करेंगे, जिसके बाद वे कुछ ही हफ्तों में सामान्य जीवन में लौट सकेंगे।