पूर्वोत्तर विकास में DONER के कार्य बल और डिजिटल पोर्टल ने तेजी व पारदर्शिता बढ़ाई

Thu 11-Dec-2025,05:18 PM IST +05:30

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पूर्वोत्तर विकास में DONER के कार्य बल और डिजिटल पोर्टल ने तेजी व पारदर्शिता बढ़ाई
  • पूर्वोत्तर विकास सेतु पोर्टल ने परियोजना प्रस्तुतीकरण, मूल्यांकन और स्वीकृति प्रक्रिया को डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाकर राज्यों और केंद्र एजेंसियों के समन्वय को मजबूत किया।

  • पीएम गति शक्ति और वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे और आजीविका अवसरों को बढ़ाकर पूर्वोत्तर के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

Delhi / New Delhi :

Delhi/ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) ने क्षेत्रीय विकास को गति देने के लिए 31 जनवरी 2025 को आठ उच्च स्तरीय कार्य बलों का गठन किया था। इन कार्य बलों का उद्देश्य कृषि–बागवानी, पर्यटन, हथकरघा–हस्तशिल्प, खेल प्रोत्साहन, आर्थिक गलियारा विकास, पशु-आधारित प्रोटीन में आत्मनिर्भरता, निवेश प्रोत्साहन एवं कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में रणनीतियाँ विकसित करना है। इनमें अब तक कुल 23 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री और डीओएनईआर मंत्री सहयोगात्मक भागीदारी निभाते रहे हैं।

कार्य बलों का अंतर-राज्यीय समन्वय एक संयोजक राज्य के माध्यम से किया जाता है, जो सभी राज्यों से सुझाव एकत्र करता है और साझा निर्णय निर्माण की प्रक्रिया को सुचारु बनाता है।

पूर्वोत्तर विकास सेतु पोर्टल ने परियोजना प्रस्तावों की प्रस्तुति, मूल्यांकन और स्वीकृति में क्रांतिकारी सुधार लाया है। इस एकल-खिड़की डिजिटल प्लेटफॉर्म पर राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अपलोड किए गए अवधारणा नोट और डीपीआर तेज़ी से जांच, पारदर्शी कार्यप्रवाह और समयबद्ध निर्णय सुनिश्चित करते हैं। यह पोर्टल निधि रिलीज़ अनुरोधों, निगरानी और कार्यान्वयन प्रगति की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए भी सक्षम तंत्र प्रदान करता है।

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के चुनिंदा गांवों में एकीकृत विकास गतिविधियों की शुरुआत की है, जिनमें बुनियादी ढांचा, आजीविका और सेवा वितरण सुधार को प्राथमिकता दी गई है।

इसके साथ ही पीएम गति शक्ति पोर्टल परियोजनाओं की पूर्व-अनुमोदन जांच, पुनरावृत्ति रोकने और पश्चात-समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। तकनीक-आधारित इन प्रणालियों ने पूर्वोत्तर में समन्वित और पारदर्शी परियोजना नियोजन के नए मानक स्थापित किए हैं।