मैच में भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत ने भारतीय रणनीति को चुनौती दे दी। डिकॉक ने शुरू से ही आक्रामक बल्लेबाजी की और भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने शानदार अर्धशतक जमाया और टीम को 213 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। भारतीय गेंदबाजों को लगातार मार पड़ी और कोई भी बड़ा विकेट नियमित अंतराल पर नहीं मिल सका।
जब लक्ष्य का पीछा करने की बारी आई, तो भारतीय बल्लेबाज लय नहीं पकड़ पाए। शुभमन गिल का फॉर्म चिंता का विषय बना हुआ है — वह खाता खोले बिना आउट हो गए। कप्तान सूर्यकुमार यादव भी एक बार फिर उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। आक्रामक शुरुआत देने की कोशिश में अभिषेक शर्मा भी जल्द ही पवेलियन लौट गए। शुरुआती झटकों ने भारत को पूरी तरह पीछे धकेल दिया।
इस मुश्किल स्थिति में तिलक वर्मा ने भारतीय पारी को संभालने की कोशिश की। उन्होंने धैर्य और आक्रामकता का सुंदर मेल दिखाते हुए 34 गेंदों में 62 रन की शानदार पारी खेली। उनके पांच छक्के और दो चौके देखने लायक थे। लेकिन जब तक वे क्रीज पर रहे, तब तक ही भारत का संघर्ष जारी रहा। तिलक आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए और भारतीय उम्मीदों का अंत भी उसी के साथ हो गया।
तिलक के अलावा जितेश शर्मा ने 27 रन, अक्षर पटेल ने 21 और हार्दिक पांड्या ने 20 रन जोड़े। लेकिन कोई भी बल्लेबाज भारत को मैच में वापस नहीं ला सका। दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी बेहद सटीक रही। ओटेनिल बार्टमैन सबसे चमकदार रहे — उन्होंने 4 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया। उनके अलावा एनगिडी, मार्को यानसेन और लुथो सिपाम्ला ने दो-दो विकेट चटकाए।
कुल मिलाकर, भारत की हार का सबसे बड़ा कारण कमजोर शुरुआत और शीर्ष क्रम की विफलता रही। गेंदबाज भी दक्षिण अफ्रीका को बड़े स्कोर तक पहुंचने से नहीं रोक पाए। अब सीरीज रोमांचक मोड़ पर है और अगले मैच में दोनों टीमें बढ़त लेने के लिए पूरी ताकत झोंकेंगी। भारतीय टीम को खासकर बल्लेबाजी में ज्यादा जिम्मेदारी के साथ उतरना होगा, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका ने साफ दिखा दिया है कि वह किसी भी गलती का फायदा उठाने के लिए तैयार है।