दिल्ली-एनसीआर में फिर सेहत पर बढ़ा खतरा, AQI 450 के करीब
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दिल्ली-एनसीआर में AQI 450 के करीब पहुंचा, CAQM ने बढ़ते प्रदूषण के चलते GRAP-IV लागू किया।
डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को घर से बाहर न निकलने की सख्त सलाह दी।
GRAP-IV के तहत निर्माण कार्य, डीजल वाहन और औद्योगिक गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध।
नई दिल्ली/ दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। राजधानी और आसपास के इलाकों नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
AQI ‘गंभीर+’ स्तर के करीब
शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर+’ श्रेणी के बेहद करीब माना जाता है। इस स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-IV यानी श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इससे पहले GRAP-III लागू किया गया था, लेकिन प्रदूषण में लगातार बढ़ोतरी के चलते अब और सख्त कदम उठाने पड़े हैं।
GRAP-IV के तहत क्या बदलेगा
GRAP-IV लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में कई कड़े प्रतिबंध लागू हो जाएंगे। इसमें निर्माण कार्यों पर रोक, गैर-जरूरी डीजल वाहनों पर प्रतिबंध, कुछ औद्योगिक गतिविधियों पर अंकुश और सरकारी व निजी दफ्तरों के लिए वर्क फ्रॉम होम जैसी व्यवस्थाएं शामिल हो सकती हैं। इसका उद्देश्य प्रदूषण के मुख्य स्रोतों पर तुरंत प्रभाव डालना है।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
डॉक्टरों के अनुसार, मौजूदा प्रदूषित हवा सभी के लिए हानिकारक है, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों, अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है। विशेषज्ञों ने लोगों को बेवजह घर से बाहर न निकलने, मास्क पहनने और शारीरिक गतिविधियों से बचने की सलाह दी है। स्कूल जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई है।
लोगों की दिनचर्या पर असर
प्रदूषण के चलते सड़कों पर लोग मास्क लगाकर चलते नजर आ रहे हैं। सुबह और शाम के समय धुंध की मोटी परत दिखाई दे रही है, जिससे विजिबिलिटी भी प्रभावित हो रही है। कई इलाकों में आंखों में जलन और सिरदर्द की शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण अब केवल पर्यावरणीय समस्या नहीं, बल्कि स्वास्थ्य आपातकाल की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। GRAP-IV का लागू होना इस बात का संकेत है कि हालात बेहद गंभीर हैं। जब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, तब तक सतर्कता और सरकारी निर्देशों का पालन ही सबसे बड़ा बचाव है।