सर्दियों में सेहत का खजाना: तिल-गुड़ के लड्डू बढ़ाएं गर्माहट

Fri 12-Dec-2025,01:25 AM IST +05:30

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सर्दियों में सेहत का खजाना: तिल-गुड़ के लड्डू बढ़ाएं गर्माहट
  • सर्दियों में तिल-गुड़ के लड्डू प्राकृतिक गर्माहट, ऊर्जा और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। जानें कैसे यह पारंपरिक सुपरफूड शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

  • तिल में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और अच्छे फैट हड्डियों, दिल और त्वचा की सेहत को सर्द मौसम में सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विशेषज्ञ तिल-गुड़ के लड्डुओं को सर्दियों का सुपरफूड बताते हैं, जिन्हें रोज़ाना सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है।

Maharashtra / Nagpur :

एजीसीएनएन/ सर्दियां अपने साथ ठंड, सुस्ती और प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसे कई स्वास्थ्य चुनौतियां लेकर आती हैं। ऐसे मौसम में पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थ शरीर को ऊष्मा देने और ऊर्जा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हीं में से एक है तिल के लड्डू, जो न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि पोषण से भरपूर भी हैं। आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विज्ञान दोनों ही तिल तथा गुड़ को सर्दियों का सुपरफूड मानते हैं।

तिल में पाए जाने वाले स्वस्थ वसा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन B कॉम्प्लेक्स शरीर को गर्माहट देने के साथ हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। वहीं गुड़ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन सुधारने और खून की सफाई के लिए लाभकारी माना जाता है। सर्दियों में ठंडी हवाओं और बदलते तापमान के कारण जकड़न, थकान और कमजोरी आम बात हो जाती है, ऐसे में तिल-गुड़ के लड्डू प्राकृतिक ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं कि रोज़ाना सुबह के समय एक या दो छोटे तिल के लड्डू खाने से दिनभर शरीर में गर्माहट बनी रहती है। यह लोहे की कमी को पूरा करता है और त्वचा को भी चमकदार बनाता है। यही नहीं, तिल में मौजूद सेसामिन नामक तत्व दिल की सेहत के लिए भी लाभकारी है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और रक्तचाप को संतुलित रखता है।

गाँवों और पारंपरिक घरों में सदीयों से सर्दियों में तिल के लड्डू बनाए जाते रहे हैं। यह न केवल त्योहारों का हिस्सा हैं बल्कि महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए पौष्टिक आहार भी माने जाते हैं। सर्द मौसम में कसरत करने वालों और भारी काम करने वालों के लिए यह लंबे समय तक ऊर्जा का अच्छा स्रोत है।

डॉक्टरों के अनुसार, मधुमेह और अत्यधिक मोटापा से पीड़ित लोगों को इन्हें सीमित मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें गुड़ का इस्तेमाल होता है। फिर भी, प्राकृतिक गुड़ वाले तिल के लड्डू परिष्कृत चीनी की तुलना में कहीं अधिक स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। यदि किसी को वजन बढ़ने का खतरा हो, तो वह छोटे आकार के लड्डू को ही पसंद करें।