भारत में गन्ना उत्पादन लगातार बढ़ने से किसानों की आमदनी में सुधार

Fri 12-Dec-2025,09:44 PM IST +05:30

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भारत में गन्ना उत्पादन लगातार बढ़ने से किसानों की आमदनी में सुधार
  • पिछले पांच वर्षों में भारत में गन्ना उत्पादन लगातार बढ़ा है। बढ़ते एफआरपी, इथेनॉल नीति और समय पर भुगतान से किसानों की आय में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

  • एफआरपी में लगातार वृद्धि और इथेनॉल नीति ने गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कर आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।

  • वर्ष 2025-26 में गन्ना उत्पादन 4756 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे कृषि क्षेत्र में सकारात्मक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।

Delhi / New Delhi :

दिल्ली/ देश में गन्ने के उत्पादन में पिछले पाँच वर्षों के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे न केवल चीनी उद्योग को मजबूती मिली है बल्कि किसानों की आमदनी में भी सकारात्मक सुधार हुआ है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2020-21 में 4053.99 लाख टन का उत्पादन हुआ था, जो लगातार बढ़ते हुए 2024-25 में 4546.11 लाख टन पहुंच गया। इस अवधि में कुल 492.12 लाख टन की वृद्धि देखने को मिली। हालांकि 2023-24 में उत्पादन में मामूली गिरावट दर्ज की गई, लेकिन समग्र वृद्धि का रुझान मजबूत बना हुआ है।

सरकार द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक, 2025-26 के लिए देश में गन्ना उत्पादन 4756.14 लाख टन रहने का अनुमान है। इससे साफ है कि गन्ना क्षेत्र में उत्पादन क्षमता लगातार विस्तार कर रही है, जिसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को मिलने की उम्मीद है।

गन्ना किसानों को भुगतान का सीधा संबंध केवल उत्पादन मात्रा से नहीं होता, बल्कि उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) तथा राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित एसएपी जैसे फैसलों से भी है। केंद्र सरकार द्वारा समय पर एफआरपी की घोषणा, चीनी मिलों के लिए सक्षम नीतियां और अधिशेष चीनी को इथेनॉल उत्पादन में उपयोग करने की नीति ने गन्ना किसानों को भुगतान समय पर मिलने की प्रक्रिया को तेज किया है।

एफआरपी में लगातार वृद्धि किसानों की आय में सुधार का महत्वपूर्ण कारण रही है। वर्ष 2020-21 में गन्ने का एफआरपी ₹285 प्रति क्विंटल था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹340 प्रति क्विंटल हो गया। इसके अलावा, 2025-26 के लिए एफआरपी को और बढ़ाकर ₹355 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह वृद्धि गन्ना किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

गन्ना उत्पादन में वृद्धि, इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के विस्तार और बेहतर मूल्य नीति के चलते आने वाले वर्षों में किसानों की आय और बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहा, तो गन्ना क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।