Parliament Attack 2001 | संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि: राष्ट्र ने 13 दिसंबर 2001 के वीरों को किया नमन

Sat 13-Dec-2025,10:50 PM IST +05:30

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Parliament Attack 2001 | संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि: राष्ट्र ने 13 दिसंबर 2001 के वीरों को किया नमन Parliament-Attack-2001
  • संसद हमले के शहीदों को राष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धांजलि.

  • प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और शीर्ष नेताओं की मौजूदगी.

  • आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई.

Delhi / Delhi :

Delhi / शनिवार को देश ने एक बार फिर 13 दिसंबर 2001 के उस काले दिन को याद किया, जब लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुराने संसद भवन, संविधान सदन परिसर में एक गरिमामय समारोह आयोजित किया गया। उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन के नेतृत्व में सांसदों ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा सभापति, केंद्रीय मंत्री, विभिन्न दलों के नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश हमेशा उनके और उनके परिवारों का ऋणी रहेगा। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने संदेश में लिखा कि 13 दिसंबर का दिन हमें आतंकवाद के हर रूप से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर देता है। राष्ट्रपति ने कहा कि संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर नायकों की वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान हमारी राष्ट्रीय चेतना को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

समारोह के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने सलामी और सम्मान गार्ड प्रस्तुत किया। शहीदों की स्मृति में कुछ क्षणों का मौन रखा गया, जिससे पूरे परिसर में एक भावुक और गंभीर माहौल बन गया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश एकजुट है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिन को याद करते हुए कहा कि देश उन सभी बहादुर लोगों को नमन करता है, जिन्होंने 2001 के जघन्य हमले के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि अत्यंत गंभीर खतरे के बावजूद जवानों का साहस, सतर्कता और कर्तव्य के प्रति अटूट निष्ठा अद्वितीय थी। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा कृतज्ञ रहेगा।

गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2001 को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पांच आतंकवादियों ने संसद परिसर पर हमला किया था। इस हमले में नौ निर्दोष लोग शहीद हुए थे, जिनमें दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, एक माली और एक टीवी पत्रकार शामिल थे। सुरक्षा बलों ने तत्परता दिखाते हुए सभी आतंकवादियों को मौके पर ही मार गिराया था।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा में दिए गए इन बलिदानों की गाथा आने वाली पीढ़ियों को सदैव गर्व और प्रेरणा देती रहेगी। यह दिन न केवल शहीदों को याद करने का है, बल्कि देश की सुरक्षा, एकता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दोहराने का भी प्रतीक है।