काशी तमिल संगमम 4.0: किसानों ने अयोध्या में राम मंदिर व सरयू दर्शन से आत्मिक अनुभूति पाई
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काशी तमिल संगमम 4.0 के तहत किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अयोध्या में राम मंदिर दर्शन कर गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त की।
हनुमानगढ़ी में पूजा और सरयू तट पर समय बिताने से प्रतिनिधियों को आत्मिक शांति और नया आत्मविश्वास मिला।
यह यात्रा उत्तर-दक्षिण भारत के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को मजबूत करने का सशक्त उदाहरण बनी।
Kashi/ काशी तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से आए प्रतिनिधिमंडलों के चौथे बैच ने गुरुवार को अयोध्या में एक अत्यंत भावुक, आध्यात्मिक और अविस्मरणीय दिन का अनुभव किया। प्रतिनिधिमंडल ने हनुमानगढ़ी स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन किए और पवित्र सरयू नदी के तट पर समय बिताया, जिससे उनकी यात्रा को गहरी आध्यात्मिक सार्थकता मिली।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री राम की प्रतिमा के दर्शन करते हुए प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भावुक हो उठे। उन्होंने इसे अपने जीवन के सबसे विशेष क्षणों में से एक बताया और कहा कि यह दर्शन उनके लिए आस्था, संस्कृति और आत्मिक शांति का संगम था। कई सदस्यों ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मंदिर परिसर की दिव्यता ने उन्हें भीतर तक छू लिया।
हनुमानगढ़ी में प्रतिनिधिमंडल ने भक्तिमय वातावरण में भगवान श्री हनुमान की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने आंतरिक शक्ति, साहस और आत्मविश्वास की अनुभूति की। प्रतिनिधियों का कहना था कि हनुमानजी की उपस्थिति ने उन्हें मानसिक दृढ़ता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की।
दोपहर में प्रतिनिधिमंडल ने सरयू नदी के तट पर शांत वातावरण में समय बिताया। उन्होंने महसूस किया कि काशी तमिल संगमम 4.0 केवल एक सांस्कृतिक यात्रा नहीं, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत के बीच भावनात्मक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक सेतु का सशक्त माध्यम है। किसानों की यह यात्रा भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करने का प्रतीक बनकर उभरी है।