Maternal Death UP | गोला में फर्जी अस्पताल की लापरवाही से प्रसूता की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
Maternal-Death-UP
अवैध अस्पताल में प्रसूता की मौत, बच्चा गंभीर.
बिना पंजीकरण और डॉक्टरों के चल रहा था अस्पताल.
आशा बहू और प्रशासन की भूमिका पर सवाल.
Gola / गोला क्षेत्र में एक बार फिर अवैध अस्पताल की लापरवाही ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। ग्राम नौगंवा की रहने वाली एक प्रसूता की डिलीवरी के कुछ ही घंटों बाद संदिग्ध हालात में मौत हो गई, जबकि नवजात बच्चा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। इस घटना ने इलाके में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है।
परिजनों का आरोप है कि क्षेत्रीय आशा बहू के कहने पर प्रसूता को गोला में संचालित फर्जी “सारा हॉस्पिटल” ले जाया गया। यह अस्पताल न तो पंजीकृत था और न ही वहां कोई विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद था, फिर भी खुलेआम संचालन किया जा रहा था। डिलीवरी के बाद प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने समय रहते उचित इलाज नहीं किया।
हालत गंभीर होने पर अस्पताल प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए परिजनों को गुमराह किया। ऑक्सीजन लगाकर महिला को आनन-फानन में माया हॉस्पिटल, लखीमपुर भेज दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत की खबर फैलते ही सारा हॉस्पिटल में ताला लग गया और प्रबंधन फरार हो गया।
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आशा बहू की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, जो सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की पहली कड़ी मानी जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चिकित्सा अधिकारियों के संरक्षण में ऐसे फर्जी अस्पताल लंबे समय से फल-फूल रहे हैं।
प्रसूता की मौत के बाद भी प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर कब इन अवैध अस्पतालों पर कार्रवाई होगी? और कब गोला में मौत बांटने वाले ऐसे फर्जी अस्पतालों पर हमेशा के लिए ताला लगेगा?