जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय रेप केस: नौकरी के नाम पर दुष्कर्म, दो कर्मचारी गिरफ्तार
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
Jabalpur-Agri-University-Rape-Case_-Two-Staff-Arrested
जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में नौकरी के बहाने युवती से दुष्कर्म का मामला सामने आया, पुलिस ने यूडीसी और प्यून को गिरफ्तार किया।
यूडीसी और प्यून ने अधिकारी से मिलवाने का झांसा देकर युवती को सरकारी क्वार्टर ले जाकर वारदात को अंजाम दिया। अधारताल पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच और कानूनी कार्रवाई शुरू की।
जबलपुर/ मध्य प्रदेश, जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के परिसर से एक गंभीर और शर्मनाक आपराधिक मामला सामने आया है, जहाँ नौकरी दिलाने के बहाने 22 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। इस मामले में विश्वविद्यालय में पदस्थ एक बाबू और एक प्यून की संलिप्तता उजागर हुई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में सख्त कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता ने 25 दिसंबर को अधारताल थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। युवती ने बताया कि वह संविदा नौकरी की तलाश में थी और इसी दौरान उसने कृषि कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर निकली एक वैकेंसी देखी। वेबसाइट पर उपलब्ध मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने के बाद उसकी बातचीत विश्वविद्यालय में पदस्थ 58 वर्षीय यूडीसी दुर्गा शंकर सिंगरहा से हुई।
पीड़िता के अनुसार, आरोपी यूडीसी ने खुद को विश्वविद्यालय का जिम्मेदार कर्मचारी बताते हुए उसे नौकरी दिलाने का भरोसा दिया। उसने कहा कि वह कुलगुरु से बात कर नौकरी लगवा देगा और आवश्यक दस्तावेज लेकर कॉलेज आने के लिए कहा। भरोसा करके युवती विश्वविद्यालय परिसर पहुँची, जहाँ आरोपी ने उसे अधिकारी से मिलवाने के बहाने अपने साथ चलने को कहा।
लेकिन आरोपी युवती को किसी अधिकारी के पास न ले जाकर कृषि नगर कॉलोनी में स्थित विश्वविद्यालय के प्यून मुकेश सेन के सरकारी क्वार्टर पर ले गया। वहाँ पहुँचने के बाद युवती को अंदर बैठने के लिए कहा गया। पीड़िता का आरोप है कि इसी दौरान मुकेश सेन ने बाहर से कमरे में ताला लगा दिया और दोनों आरोपियों ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना के बाद युवती किसी तरह वहां से बाहर निकलने में सफल रही और साहस दिखाते हुए पुलिस से संपर्क किया। शिकायत के आधार पर अधारताल पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित जांच शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों यूडीसी दुर्गा शंकर सिंगरहा और प्यून मुकेश सेन को गिरफ्तार कर लिया।
इस संबंध में एडिशनल एसपी क्राइम जितेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत प्रथम दृष्टया गंभीर पाई गई है। उपलब्ध साक्ष्यों और बयान के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की विवेचना जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि पीड़िता को हरसंभव कानूनी सहायता, सुरक्षा और परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।