पीएम मोदी ने पुतिन को भेंट की रूसी भाषा में गीता, भारत-रूस रिश्तों में नई ऊर्जा

Fri 05-Dec-2025,12:24 AM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

पीएम मोदी ने पुतिन को भेंट की रूसी भाषा में गीता, भारत-रूस रिश्तों में नई ऊर्जा Modi gifts Gita to Putin
  • पीएम मोदी ने पुतिन को रूसी भाषा में गीता भेंट कर विशेष स्वागत किया।

  • रक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार पर गहराई से वार्ता होने की संभावना।

  • पुतिन के भारत दौरे पर पश्चिमी देशों की पैनी निगाहें केंद्रित हैं।

Delhi / Delhi :

Delhi / रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ने गुरुवार को एक गर्मजोशी भरे पल के साथ शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पहुंचकर पुतिन का स्वागत किया और उन्हें एक बेहद खास उपहार—रूसी भाषा में भगवद्गीता—सौंपा। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया कि यह गीता की प्रति दुनिया भर में करोड़ों लोगों को प्रेरित करने वाली महान शिक्षाओं का प्रतीक है। यह उपहार सिर्फ सौहार्द का संकेत नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति का एक सुंदर संदेश भी है।

एयरपोर्ट से पीएम आवास तक, दोस्ताना अंदाज में सफर
स्वागत के बाद दोनों नेता एक ही गाड़ी में बैठकर 7 लोक कल्याण मार्ग, प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर पहुंचे। इस दौरान दोनों के चेहरे पर सहजता और दोस्ती की झलक साफ देखी गई। मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि अपने ‘दोस्त’ पुतिन का भारत में स्वागत करते हुए उन्हें बहुत खुशी हुई है और वे आज शाम तथा कल होने वाली बातचीत को लेकर उत्साहित हैं।

भारत-रूस मित्रता दशकों से चली आ रही है और कई अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव के बावजूद आज भी उतनी ही मजबूत है। मोदी ने बताया कि इस रिश्ते ने दोनों देशों की जनता को बहुत लाभ पहुंचाया है।

प्राइवेट डिनर और कूटनीति की नई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार शाम पुतिन के सम्मान में प्राइवेट डिनर की मेजबानी कर रहे हैं। आमतौर पर ऐसे निजी भोज विशेष रिश्तों का संकेत माने जाते हैं और यह बात स्पष्ट करती है कि भारत इस यात्रा को काफी अहमियत दे रहा है।

अमेरिका के साथ तनाव के बीच भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के संबंधों में हाल के महीनों में तनाव बढ़ा है। ऐसे माहौल में पुतिन का भारत आना दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के महत्व को और गहरा करता है।

भारत और रूस के रिश्ते सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं, बल्कि रक्षात्मक और आर्थिक आयामों में भी बेहद मजबूत हैं। रूस भारत का लंबे समय से रक्षा साझेदार रहा है, और अब दोनों मिलकर नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं।

शिखर वार्ता में किन मुद्दों पर फोकस?
शुक्रवार को होने वाली शिखर वार्ता में तीन बड़े मुद्दों पर खास ध्यान रहेगा —

1. रक्षा सहयोग को और मजबूती

भारत और रूस के बीच कई सैन्य परियोजनाएं पहले से चल रही हैं। अब दोनों छोटे और उन्नत रक्षा तकनीकी समाधानों पर भी साथ आगे बढ़ सकते हैं।

2. द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षा

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत चाहता है कि रूस के साथ व्यापार निर्बाध रूप से आगे बढ़ता रहे।

3. मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टरों पर सहयोग

ऊर्जा के क्षेत्र में यह एक नया कदम माना जा रहा है। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर भारत के भविष्य के लिए किफायती और व्यवहारिक समाधान बन सकते हैं।

दुनिया की नजर भारत-रूस मुलाकात पर
पश्चिमी देशों की नजर इस पूरी यात्रा पर लगी हुई है। खासकर इसलिए क्योंकि भारत वैश्विक राजनीति में स्वतंत्र रुख रखता है और रूस के साथ उसके संबंध कई देशों के लिए दिलचस्प विषय बने रहते हैं।