NHB बैठक में बागवानी क्लस्टर, कोल्ड-चेन और किसान-केंद्रित सब्सिडी क्रियान्वयन पर जोर
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
NHB की 33वीं बैठक में बागवानी क्लस्टर, कोल्ड-चेन अवसंरचना, पौध सामग्री, गुणवत्ता और बाजार जुड़ाव बढ़ाने के लिए नई रणनीतियां तय की गईं।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने निर्देश दिया कि योजनाएँ पारदर्शी और किसान-केंद्रित हों तथा सब्सिडी समय पर मिले और शिकायतें शून्य रहें।
Delhi/ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज कृषि भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय बागवनी बोर्ड (NHB) के निदेशक मंडल की 33वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर भी उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण बैठक का केंद्र NHB के प्रमुख कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा और बागवानी क्षेत्र को तेजी से विकसित करने के लिए नई रणनीतियों का निर्धारण रहा।
बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने वाणिज्यिक बागवनी विकास, क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (CDP), कोल्ड-चेन अवसंरचना विस्तार, फसल उत्पादकता सुधार और क्लीन प्लांट कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिया कि योजनाओं के कार्यान्वयन में पूर्ण समयबद्धता सुनिश्चित हो, किसानों को अनुदान समय पर मिले और किसी प्रकार की शिकायत के लिए कोई जगह न छोड़ी जाए।
बागवनी उत्पादों की शीघ्र खराब होने वाली प्रकृति को ध्यान में रखते हुए श्री चौहान ने विशेष रणनीति विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेल्फ लाइफ बढ़ाने, भंडारण सुविधाओं के विस्तार और किसानों को नुकसान से बचाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के लिए प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और बाजार तक सुगम पहुंच से कृषि आय को वास्तविक मजबूती मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि NHB को गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री, फसलोत्तर प्रबंधन, मूल्य संवर्धन और उत्पादकता वृद्धि पर विशेष फोकस करना चाहिए। उन्होंने राज्यों और क्षेत्रों के अनुसार रोडमैप तैयार करने तथा निजी क्षेत्र, स्टार्ट-अप एवं प्रसंस्करण उद्योगों के साथ समन्वय मजबूत करने पर बल दिया, जिससे बागवानी क्षेत्र में रोजगार एवं आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ें।
इसके अतिरिक्त, बैठक के दौरान NHB द्वारा प्रकाशित विभिन्न तकनीकी प्रकाशनों — गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिस, जैविक खेती मॉडल और उन्नत बागवानी तकनीकों — का विमोचन भी किया गया। ये प्रकाशन किसानों, उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के लिए मार्गदर्शक सामग्री के रूप में उपयोगी सिद्ध होंगे।
बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. मांगीलाल जाट, विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और बागवानी उद्योग से जुड़े गैर-आधिकारिक सदस्य उपस्थित रहे। व्यापक स्तर पर हुई इस भागीदारी ने बागवानी क्षेत्र के विविध पहलुओं पर रचनात्मक संवाद और भविष्य की कार्ययोजना को नई दिशा प्रदान की।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन के रूप में देशभर में वाणिज्यिक बागवानी, कोल्ड-चेन अवसंरचना और उच्च-गुणवत्ता वाले पौध रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत है। आज की बैठक ने बागवानी क्षेत्र को नई गति देने और किसानों की आय वृद्धि को सशक्त रूप से आगे बढ़ाने का मजबूत संकल्प दोहराया।