छात्र मानसिक स्वास्थ्य पर एनटीएफ की अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में, सर्वेक्षण 15 दिसंबर तक बढ़ा
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एनटीएफ ने छात्र मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, सर्वेक्षण की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई।
एनटीएफ ने छात्र आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सर्वोच्च न्यायालय को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, अंतिम निर्णय के लिए न्यायालय के निर्देश की प्रतीक्षा।
उच्च शिक्षा संस्थानों, छात्रों, संकाय और अभिभावकों के लिए सर्वेक्षण की समय सीमा बढ़ाकर 15 दिसंबर 2025 की गई, गुमनामी और गोपनीयता की गारंटी के साथ।
एनटीएफ की सिफारिशें अकादमिक दबाव, भेदभाव, वित्तीय तनाव और सहायता प्रणालियों जैसे कारकों के व्यापक विश्लेषण के आधार पर तैयार की जाएंगी।
Delhi/ उच्च शैक्षणिक संस्थानों में छात्र मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) ने 6 नवंबर 2025 को सर्वोच्च न्यायालय को अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है और अब अगले चरण की कार्यवाही में न्यायालय के हस्तक्षेप की प्रतीक्षा की जा रही है। मार्च 2025 में गठित एनटीएफ का मुख्य उद्देश्य छात्रों की मानसिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रव्यापी नीति-स्तरीय उपायों पर ठोस और साक्ष्य-आधारित सिफारिशें तैयार करना है।
एनटीएफ ने 8 अगस्त 2025 को एक समर्पित वेबसाइट शुरू की, जिसके माध्यम से देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) और व्यक्तिगत हितधारकों से प्रतिक्रियाएँ एकत्र की जा रही हैं। इन प्रतिक्रियाओं को ऑनलाइन सर्वेक्षणों, कैंपस दौरों, हितधारक बैठकों, उपलब्ध राष्ट्रीय आंकड़ों और संबंधित नीतियों एवं शोध साहित्य के विश्लेषण के माध्यम से संकलित किया जा रहा है। कार्य बल का मानना है कि छात्रों की मानसिक भलाई के लिए अकादमिक दबाव, जाति/जनजाति, धर्म, दिव्यांगता, लिंग/लैंगिकता/ट्रांसजेंडर पहचान से जुड़ी भेदभावपूर्ण परिस्थितियाँ, वित्तीय तनाव तथा सामाजिक अलगाव जैसे कारकों को व्यापक रूप से समझना आवश्यक है।
साक्ष्य-आधारित अंतिम सिफारिशों के लिए एनटीएफ ने उच्च शिक्षा संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे निर्धारित संस्थागत सर्वेक्षण भरें, जिसमें संकाय की विविधता, रिक्त पद, छात्र संरचना, उपलब्ध मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ, छात्र सहायता प्रणालियाँ, समितियाँ/प्रकोष्ठ, तथा छात्र कल्याण को मजबूत करने की बाधाओं एवं सुझावों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है। मंत्रालय और नियामक निकायों द्वारा इस उद्देश्य के लिए संस्थानों को आधिकारिक संप्रेषण भेजे गए हैं।
प्रतिक्रियाओं की संख्या बढ़ाने और अधिक व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए एनटीएफ ने ऑनलाइन सर्वेक्षण भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 दिसंबर 2025 कर दिया है। यह विस्तार केवल संस्थानों के लिए ही नहीं, बल्कि छात्रों, संकाय, अभिभावकों और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों जैसे व्यक्तिगत प्रतिभागियों पर भी लागू होगा। एनटीएफ ने आश्वस्त किया है कि सर्वेक्षण में दिए गए उत्तर पूरी तरह गोपनीय रहेंगे और किसी भी प्रतिभागी की पहचान सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
एनटीएफ ने राज्य नोडल अधिकारियों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, छात्र संगठनों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाएं और सर्वेक्षण में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करें। कार्य बल का कहना है कि विभिन्न हिस्सों से आने वाले अनुभवों और सुझावों की विविधता ही अंतिम सिफारिशों को मजबूत, संवेदनशील और व्यवहारिक बनाएगी, ताकि भविष्य में छात्र मानसिक स्वास्थ्य संरक्षण एवं आत्महत्या रोकथाम के लिए समावेशी और परिणामदायी व्यवस्था विकसित की जा सके।