MGMD कार्यक्रम से 6.23 लाख गांवों की सांस्कृतिक प्रोफाइल अपलोड, ग्रामीण धरोहर व पर्यटन को बढ़ावा
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
सांस्कृतिक मानचित्रण में मौखिक परंपराओं से लेकर कला, भोजन, त्योहार और पोशाक तक विभिन्न विरासत तत्वों का विस्तृत दस्तावेजीकरण।
डेटा आधारित सांस्कृतिक क्लस्टर विकास और विरासत पर्यटन से पारंपरिक कौशल, स्थानीय रोजगार और ग्रामीण आर्थिक विकास को प्रोत्साहन।
Delhi/ देश भर की ग्रामीण सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा लागू मेरा गांव मेरी धरोहर (एमजीएमडी) कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम के तहत देश के कुल 6,38,365 गांवों की पहचान की गई है, जिनमें से अब तक 6,23,449 गांवों का डेटा एमजीएमडी पोर्टल पर सफलतापूर्वक अपलोड किया जा चुका है। यह कार्यक्रम ग्रामीण भारत की सांस्कृतिक संपदा को डिजिटली संरक्षित करते हुए उसे राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
एमजीएमडी के तहत गांवों के सांस्कृतिक तत्वों का विस्तृत दस्तावेजीकरण किया जा रहा है, जिसमें मौखिक परंपराएं, विश्वास, रीति-रिवाज, ऐतिहासिक महत्व, कला रूप, विरासत स्थल, पारंपरिक भोजन, स्थानीय कलाकार, मेले-त्योहार, पारंपरिक परिधान, आभूषण और अन्य स्थानीय धरोहर शामिल हैं।
इस पहल से ग्रामीण समुदाय को अपनी सांस्कृतिक पहचान और विरासत पर गर्व की अनुभूति होने के साथ-साथ स्थानीय सहभागिता को भी बढ़ावा मिल रहा है। राष्ट्रीय पोर्टल पर संगठित डेटा उपलब्ध होने से सांस्कृतिक क्लस्टर विकास, विरासत पर्यटन, पारंपरिक कौशल संवर्धन और सतत आजीविका के नए अवसर सृजित होने की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी साझा की।