छह राज्यों में SIR डेडलाइन बढ़ी, मतदाता सत्यापन के लिए यूपी को मिला 15 दिन अतिरिक्त समय
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चुनाव आयोग ने छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची संशोधन की समय-सीमा बढ़ाकर राज्यों को डेटा सत्यापन का अतिरिक्त अवसर प्रदान किया।
उत्तर प्रदेश को मृत और स्थानांतरित मतदाताओं की लिस्ट सत्यापन के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय देकर संशोधित कैलेंडर लागू किया गया।
तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में SIR डेडलाइन बढ़ने से ड्राफ्ट सूची और दावे-आपत्तियां प्रक्रिया अधिक सुगम होगी।
chhattisgarh/ चुनाव आयोग ने छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की अंतिम तिथि एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। इस निर्णय से मतदाता सूचियों को अधिक सटीक और अद्यतन करने में राज्यों को अतिरिक्त समय मिलेगा। आयोग का यह कदम उन क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां फील्ड सर्वे और डेटा सत्यापन को लेकर भारी दबाव था।
तमिलनाडु और गुजरात में संशोधन की नई समय-सीमा 14 दिसंबर से बढ़ाकर 19 दिसंबर 2025 कर दी गई है। वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में 18 दिसंबर की डेडलाइन अब 23 दिसंबर 2025 कर दी गई है। सबसे अधिक राहत उत्तर प्रदेश को मिली है, जहां पहले 26 दिसंबर तक सीमित समय था, अब इसे 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा के अनुसार, राज्य सरकार ने मृत, स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं की पुन: सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो सप्ताह अतिरिक्त समय मांगा था। आयोग ने इसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 15 दिन का विस्तार दिया है।
UP के नए कैलेंडर के अनुसार फील्ड एन्यूमरेशन 26 दिसंबर तक चलेगा। ड्राफ्ट मतदाता सूची 31 दिसंबर को जारी होगी। दावे-आपत्तियों की अवधि 30 जनवरी 2026 तक चलेगी, जबकि अंतिम सत्यापन और निपटारा 21 फरवरी 2026 तक होगा। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची 28 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। आयोग का यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।