भारत में बढ़ते Digital Arrest Fraud पर सांसद की चिंता, बैंकिंग सिस्टम में AI सुरक्षा की मांग
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सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी चिंता जताए गए इन मामलों में देशभर के पीड़ितों ने अब तक 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खो दी है।
Delhi/ लोकसभा में गुरुवार के शून्य काल के दौरान सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने तेजी से बढ़ते डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह साइबर ठगी अब वित्तीय सुरक्षा, खासकर वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक स्थिरता, पर भारी खतरा बन चुकी है। अग्रवाल के अनुसार ये अपराध अब केवल आर्थिक नहीं, बल्कि गहरे मनोवैज्ञानिक अपराधों में बदल चुके हैं, जिनसे पीड़ितों की जमा पूंजी के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि देश में डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी घटनाओं में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है और सुप्रीम कोर्ट भी इसे एक गंभीर चुनौती मान चुका है। उनके अनुसार भारत में अब तक 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हो चुकी है, जिसमें अधिकतर पीड़ित वरिष्ठ नागरिक हैं।
सांसद अग्रवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि बैंकिंग सिस्टम में एआई-आधारित सेफ्टी होल्ड गाइडलाइंस और एस्को मैकेनिज्म को अनिवार्य किया जाए, ताकि संदिग्ध लेनदेन को तुरंत रोका जा सके। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि जब कोई पीड़ित डर या धमकी में आकर कुछ मिनटों में अपनी जीवनभर की कमाई का अधिकांश हिस्सा ट्रांसफर कर देता है, तो बैंकिंग सिस्टम इसे अभी भी सामान्य ट्रांज़ैक्शन की तरह प्रोसेस करता है। उन्होंने बैंकिंग ढांचे में त्वरित सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।