दिल्ली प्रदूषण संकट: AQI 400 पार, नर्सरी से 5वीं तक स्कूल ऑनलाइन

Tue 16-Dec-2025,12:36 AM IST +05:30

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दिल्ली प्रदूषण संकट: AQI 400 पार, नर्सरी से 5वीं तक स्कूल ऑनलाइन
  • दिल्ली में AQI 400 के पार पहुंचने से वायु प्रदूषण गंभीर हुआ, जिसके चलते सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा शैक्षणिक फैसला लिया।

  • जहरीली हवा के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने नर्सरी से कक्षा 5 तक सभी स्कूलों की ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर दीं। 

Delhi / Delhi :

दिल्ली/ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की गिरफ्त में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इस जहरीली हवा ने दिल्ली को मानो एक गैस चैंबर में बदल दिया है, जहां सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर पड़ रहा है।

बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा और अहम फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने नर्सरी से कक्षा 5वीं तक के सभी छात्रों की ऑफलाइन कक्षाएं अगले आदेश तक बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। अब इन कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन मोड में किया जाएगा। यह आदेश दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्पष्ट किया कि बच्चों का स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह निवारक और आवश्यक है, क्योंकि छोटे बच्चे वायु प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। जहरीली हवा में स्कूल जाना उनके फेफड़ों, आंखों और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है और स्थिति में सुधार न होने तक कड़े कदम उठाए जाते रहेंगे।

डॉक्टरों का भी कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण बच्चों में अस्थमा, एलर्जी, आंखों में जलन और सांस की तकलीफ को तेजी से बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों ने बच्चों को घर के अंदर रखने, मास्क के इस्तेमाल और शारीरिक गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी है।

प्रदूषण के इस दौर में सरकार द्वारा उठाया गया यह फैसला अभिभावकों के लिए राहत भरा जरूर है, लेकिन यह स्थिति दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को भी उजागर करती है। जब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, तब तक शिक्षा और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना रहेगा।