Jharkhand Naxals Attack | सारंडा के जंगलों में नक्सली आईईडी विस्फोट, कोबरा बटालियन का जवान गंभीर घायल
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सारंडा जंगल में नक्सली आईईडी विस्फोट.
सीआरपीएफ कोबरा जवान गंभीर घायल, रांची में इलाज.
सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज किया.
Saranda / झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा के घने और दुर्गम जंगल एक बार फिर नक्सली हिंसा से दहल उठे। रविवार को नक्सल विरोधी सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों द्वारा लगाए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के विस्फोट में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन 209 का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना छोटानगरा थाना क्षेत्र के बलिबा गांव के पास हुई, जहां सुरक्षा बल लगातार नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अभियान चला रहे हैं।
सर्च ऑपरेशन के दौरान हुआ धमाका
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगल क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन कर रही थी। इसी दौरान नक्सलियों द्वारा पहले से बिछाए गए आईईडी में अचानक विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि उसकी चपेट में आकर कोबरा बटालियन का जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। जंगल में गूंजे धमाके से इलाके में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
घायल जवान को तत्काल प्राथमिक उपचार
विस्फोट के तुरंत बाद ऑपरेशन में शामिल अन्य जवानों ने साहस और सूझबूझ दिखाते हुए स्थिति को संभाला। घायल जवान को मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। जवान की हालत को देखते हुए उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी गई। प्रशासन की ओर से बेहतर इलाज के लिए घायल जवान को जल्द से जल्द एयरलिफ्ट कर रांची ले जाने की तैयारी की जा रही है, ताकि उसे उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिल सके।
इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा, सर्च ऑपरेशन तेज
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। अतिरिक्त बलों की तैनाती के साथ सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि नक्सलियों ने जंगल में और भी आईईडी बिछा रखे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अत्यंत सतर्कता के साथ इलाके की गहन तलाशी ले रही हैं। हर संदिग्ध रास्ते और स्थान की बारीकी से जांच की जा रही है।
लगातार खतरा, सतर्कता जरूरी
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। क्षेत्र में किसी भी तरह की संदिग्ध हलचल को लेकर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। फिलहाल ऑपरेशन जारी है और स्थिति पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है। पिछले कुछ वर्षों में आईईडी विस्फोटों की चपेट में आकर कई जवानों और ग्रामीणों की जान जा चुकी है।
आईईडी सर्च और डिफ्यूज अभियान जारी
इसी खतरे को देखते हुए सुरक्षा बल लगातार आईईडी सर्च और डिफ्यूज अभियान चला रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक इलाके में शांति और सुरक्षा पूरी तरह बहाल नहीं हो जाती।