नदियों में गाद प्रबंधन के लिए केंद्र का बड़ा कदम, राष्ट्रीय ढांचा किया लागू
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राष्ट्रीय गाद प्रबंधन ढांचा नदियों में गाद समस्या के दीर्घकालिक और पर्यावरण-संतुलित समाधान पर केंद्रित है।
केंद्र सरकार बाढ़ नियंत्रण के लिए गाद हटाने के बजाय गाद उत्पादन कम करने की नीति अपना रही है।
FMBAP योजना के तहत राज्यों को बाढ़ प्रबंधन और कटाव-रोधी कार्यों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।
Delhi/ जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय ने नदियों और जलाशयों में गाद (सिल्ट) की समस्या के स्थायी समाधान के लिए “राष्ट्रीय गाद प्रबंधन ढांचा (NFSAM)” प्रकाशित किया है। अक्टूबर 2022 में जारी यह ढांचा नदियों, जलधाराओं और जलाशयों में गाद प्रबंधन को वैज्ञानिक, पर्यावरणीय और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने पर बल देता है।
इस ढांचे की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह गाद को हटाने के बजाय उसके उत्पादन को कम करने पर केंद्रित है। सरकार का मानना है कि बड़े पैमाने पर नदियों से गाद निकालना बाढ़ नियंत्रण का स्थायी समाधान नहीं है, क्योंकि इससे केवल अल्पकालिक और सीमित लाभ मिलता है।
NFSM देश के सभी नदी बेसिनों पंजाब सहित के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है। यह राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और संबंधित मंत्रालयों को पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए गाद प्रबंधन की रणनीतियां तैयार करने में सहायता करता है। इसमें केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जारी मौजूदा दिशानिर्देशों और अधिसूचनाओं को भी समाहित किया गया है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि विशेष परिस्थितियों जैसे ज्वारीय नदियां, संकरे संगम स्थल या संवेदनशील क्षेत्र में वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर सीमित गाद निष्कासन किया जा सकता है। बाढ़ प्रबंधन और कटाव-रोधी योजनाएं राज्यों द्वारा प्राथमिकता के अनुसार लागू की जाती हैं, जिनमें केंद्र सरकार तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इसी क्रम में केंद्र सरकार बाढ़ प्रबंधन एवं सीमावर्ती क्षेत्र कार्यक्रम (FMBAP) के तहत राज्यों को सहायता दे रही है। योजना के तहत अब तक 8,737.66 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की जा चुकी है, जिसमें पंजाब को मिले 67.51 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।