मोटापा शॉर्टकट से नहीं घटेगा, जागरूकता जरूरी: डॉ. जितेंद्र सिंह

Sat 20-Dec-2025,07:42 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

मोटापा शॉर्टकट से नहीं घटेगा, जागरूकता जरूरी: डॉ. जितेंद्र सिंह
  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोटापे पर चेतावनी देते हुए कहा कि शॉर्टकट इलाज खतरनाक हैं। दवाओं का विवेकपूर्ण उपयोग और जागरूकता जरूरी है।

  • भारत में गैर-संक्रामक रोगों से 63% मौतें मोटापे से जुड़ी, इसे सामाजिक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य चुनौती मानते हुए सामूहिक प्रयास जरूरी बताए।

  • फिट इंडिया, खेलो इंडिया और पोषण पर प्रधानमंत्री का जोर मोटापे की रोकथाम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में स्थापित करता है।

Delhi / Delhi :

नई दिल्ली | 20 दिसंबर, 2025 मोटापे के बढ़ते खतरे को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि मोटापे का इलाज किसी शॉर्टकट या त्वरित समाधान से नहीं किया जा सकता। उन्होंने वजन घटाने वाली दवाओं के विवेकपूर्ण और चिकित्सकीय निगरानी में उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया तथा भ्रामक सूचनाओं और अवैज्ञानिक दावों पर प्रभावी अंकुश लगाने का आह्वान किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह दो दिवसीय “एशिया ओशिनिया कॉन्फ्रेंस ऑन ऑबेसिटी (AOCO)” के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मोटापा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ उपस्थित रहे। मंत्री ने कहा कि मोटापा केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है, जिसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि मोटापा एक जटिल, दीर्घकालिक और बार-बार उभरने वाला विकार है, जिसे केवल जीवनशैली से जोड़कर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत में गैर-संक्रामक रोगों से होने वाली लगभग 63 प्रतिशत मौतें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोटापे से जुड़ी हैं। टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी बीमारियां मोटापे से गहराई से संबंधित हैं, विशेष रूप से केंद्रीय मोटापा भारतीय आबादी में गंभीर जोखिम पैदा करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैसे अर्थशास्त्र को केवल अर्थशास्त्रियों पर नहीं छोड़ा जा सकता, वैसे ही मोटापे जैसी व्यापक समस्या को केवल डॉक्टरों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। इसके सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं को समझते हुए सामूहिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि फिट इंडिया, खेलो इंडिया और पोषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निरंतर जोर इस बात का संकेत है कि स्वास्थ्य अब राष्ट्रीय प्राथमिकता बन चुका है।

मंत्री ने मोटापा नियंत्रण के नाम पर बढ़ते व्यवसायीकरण और सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारियों को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि तथाकथित चमत्कारी दावे लोगों को प्रमाण-आधारित उपचार से दूर कर देते हैं। उन्होंने मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया ताकि वैज्ञानिक और सत्यापित जानकारी समाज तक पहुंचे।

युवाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जागरूकता केवल विशेषज्ञ सम्मेलनों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पाने के लिए युवा पीढ़ी का स्वस्थ और ऊर्जावान होना अनिवार्य है।

इस अवसर पर AIARO मोटापा रजिस्ट्री का शुभारंभ भी किया गया, जिसका उद्देश्य डेटा-संचालित शोध, दीर्घकालिक नीति निर्माण और प्रमाण-आधारित मोटापा प्रबंधन को सशक्त बनाना है। सम्मेलन का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि मोटापे से निपटने के लिए चिकित्सा, नीति, समाज और नागरिकों की साझा जिम्मेदारी तय करना समय की मांग है।