असम में राजधानी एक्सप्रेस हाथियों से टकराई, 8 हाथियों की मौत

Sat 20-Dec-2025,08:10 PM IST +05:30

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असम में राजधानी एक्सप्रेस हाथियों से टकराई, 8 हाथियों की मौत
  • असम के लुमडिंग डिवीजन में राजधानी एक्सप्रेस की हाथियों से टक्कर, इंजन सहित पांच डिब्बे पटरी से उतरे।

  • हादसे में आठ जंगली हाथियों की मौत, राहत की बात यह कि कोई यात्री हताहत नहीं हुआ।

  • रेल सेवाएं प्रभावित, यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था और अतिरिक्त डिब्बे जोड़ने की प्रक्रिया शुरू।

Assam / Hojai :

होजाई/ असम के लुमडिंग रेल डिवीजन में शनिवार तड़के एक बेहद दर्दनाक और दुर्लभ रेल हादसा सामने आया, जब सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस जंगली हाथियों के एक झुंड से टकरा गई। यह दुर्घटना असम के होजाई जिले में गुवाहाटी से लगभग 126 किलोमीटर दूर हुई। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रेन का इंजन और पांच डिब्बे पटरी से उतर गए, जबकि आठ जंगली हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा सुबह के अंधेरे में उस समय हुआ जब हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस चालक को हाथियों को देखकर ब्रेक लगाने का मौका नहीं मिल सका। टक्कर के बाद हाथियों के शव और क्षत-विक्षत डिब्बे पटरी पर बिखर गए, जिससे रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।

हालांकि राहत की बात यह रही कि इस भीषण हादसे में किसी भी यात्री के हताहत होने की सूचना नहीं है। रेलवे अधिकारियों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। दुर्घटना की सूचना मिलते ही राहत ट्रेनें, रेलवे इंजीनियर, मेडिकल टीमें और वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे।

हादसे के कारण ऊपरी असम और पूर्वोत्तर भारत की कई रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए वैकल्पिक व्यवस्थाएं शुरू की हैं। एनडीटीबी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित डिब्बों के यात्रियों को ट्रेन के अन्य डिब्बों में उपलब्ध खाली बर्थ पर अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया जाएगा। गुवाहाटी पहुंचने पर ट्रेन में अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जाएंगे, ताकि सभी यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिल सके।

रेलवे और वन विभाग ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक तौर पर यह माना जा रहा है कि हाथियों के पारंपरिक वन्य गलियारे के पास रेलवे ट्रैक होने के कारण यह हादसा हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में ट्रेन की गति सीमित करने, अलर्ट सिस्टम और अंडरपास जैसे उपायों की आवश्यकता है। यह हादसा एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष और रेलवे सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।