दिल्ली में शीतलहर और कोहरे का कहर: जानिए राजधानी का सबसे ठंडा रिकॉर्ड और मौसम का हाल
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
Delhi-Cold-Weather-Report
दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा और शीतलहर का असर.
ट्रेनों और फ्लाइट्स पर पड़ा प्रभाव.
दिल्ली का ऐतिहासिक न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड.
Delhi / दिल्ली और पूरे एनसीआर में इन दिनों सर्दी ने लोगों की दिनचर्या को काफी प्रभावित कर दिया है। शीतलहर के साथ-साथ घने कोहरे ने सुबह और रात के समय हालात और मुश्किल बना दिए हैं। सड़कों पर दृश्यता कम होने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है, वहीं ट्रेनों और फ्लाइट्स पर भी कोहरे का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। कई ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं और हवाई उड़ानों में भी देरी की खबरें सामने आ रही हैं। हालांकि ठंड जरूर है, लेकिन तापमान अभी उस स्तर तक नहीं गिरा है, जैसा दिल्ली की पारंपरिक सर्दियों में देखने को मिलता था। फिलहाल राजधानी में तापमान 14 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
अगर दिल्ली के मौसम के इतिहास पर नजर डालें तो यहां की सर्दी कभी बेहद कठोर हुआ करती थी। राजधानी में अब तक का सबसे कम तापमान माइनस 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो फ्रीजिंग प्वाइंट के बेहद करीब था। यह रिकॉर्ड 11 जनवरी 1967 को बना था, जब दिल्ली ने अपनी सबसे ठंडी रात देखी थी। उस समय हालात ऐसे थे कि अगर तापमान थोड़ा और गिर जाता, तो दिल्ली में पहली बार बर्फबारी भी संभव हो सकती थी। इसके बाद इतने कम तापमान का रिकॉर्ड फिर कभी नहीं बना। साल 2017 में जनवरी के महीने में 3.4 डिग्री सेल्सियस तापमान जरूर दर्ज हुआ था, लेकिन वह भी 1967 के रिकॉर्ड से काफी ऊपर था।
दिल्ली की सर्दी कभी इतनी मशहूर थी कि उस पर गाने तक बनाए गए, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उस तरह की ठंड देखने को नहीं मिल रही है। कई लोग इसके पीछे ग्लोबल वॉर्मिंग को वजह मानते हैं। वहीं मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली की सर्दी काफी हद तक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता पर निर्भर करती है। जब पश्चिमी विक्षोभ मजबूत होता है, तब उत्तर-पश्चिमी भारत में ठंडी हवाएं चलती हैं और कड़ाके की ठंड पड़ती है। हाल के वर्षों में इसकी सक्रियता कम होने से दिल्ली में सर्दी भी अपेक्षाकृत हल्की रही है। हालांकि दिसंबर के मुकाबले जनवरी में तापमान में थोड़ी और गिरावट आने की संभावना रहती है।
देश के अन्य हिस्सों में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर में तापमान करीब 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और आने वाले दिनों में बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा में भी शीतलहर का प्रकोप जारी है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए कई राज्यों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है और जल्द ही विंटर वेकेशन की घोषणा भी की जा सकती है। कुल मिलाकर, सर्दी का यह दौर लोगों को सतर्क रहने और मौसम के हिसाब से खुद को ढालने की याद दिला रहा है।