साइबेरिया की भीषण ठंड: याकुतिया में तापमान –56°C, –60°C की चेतावनी

Sat 27-Dec-2025,01:57 AM IST +05:30

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साइबेरिया की भीषण ठंड: याकुतिया में तापमान –56°C, –60°C की चेतावनी Yakutia-Freezes-at-–56°C-as-Siberia-Faces-Extreme-Cold-(Photo-X)
  • साइबेरिया के याकुतिया में तापमान माइनस 56 डिग्री तक गिर गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में माइनस 60 डिग्री तक गिरावट की चेतावनी दी है।

  • बर्फीले तूफान और तेज हवाओं के चलते स्कूल बंद, नागरिकों से घर के अंदर रहने की अपील की गई। याकुतिया में “आइस फॉग” की स्थिति से दृश्यता घटी, सर्दियों में दिन में चार घंटे से भी कम धूप मिलती है।

Delhi / New Delhi :

नई दिल्ली/ साइबेरिया में कड़ाके की ठंड ने रूस के याकुतिया क्षेत्र को पूरी तरह जकड़ लिया है। वर्तमान में याकुतिया को दुनिया का सबसे ठंडा आबादी वाला शहर माना जा रहा है, जहां तापमान माइनस 56 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, आने वाले दिनों में पारा और गिरकर माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जिससे जनजीवन और अधिक प्रभावित होने की आशंका है।

तेज बर्फीले तूफान और हवाओं के कारण शहर में कई दिनों से स्कूल बंद हैं। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की अपील की है। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में देखा गया कि एक महिला की पलकों पर ही बर्फ जम गई, जो इस भीषण ठंड की गंभीरता को दर्शाता है।

करीब 3.55 लाख की आबादी वाला याकुतिया क्षेत्र लंबे समय से अत्यधिक ठंड के लिए जाना जाता है। यहां जनवरी 2023 में बीते दो दशकों का सबसे कम तापमान माइनस 62.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि अब तक का रिकॉर्ड न्यूनतम तापमान फरवरी 1891 में माइनस 64.4 डिग्री सेल्सियस रहा है।

इस अत्यधिक ठंड के दौरान एक विशेष मौसमीय घटना “आइस फॉग” भी देखने को मिलती है। यह तब बनती है जब हवा में मौजूद नमी तुरंत जम जाती है, जिससे दृश्यता घटकर कुछ ही मीटर रह जाती है। सर्दियों के चरम समय में यहां दिन में चार घंटे से भी कम धूप मिलती है, जिससे हालात और चुनौतीपूर्ण हो जाते हैं।

याकुतिया में जीवन को इस कठोर जलवायु के अनुरूप ढालना पड़ा है। लोग खुद को सुरक्षित रखने के लिए मल्टी-लेयर थर्मल कपड़े, इंसुलेटेड जूते और पारंपरिक फर के दस्ताने पहनते हैं। वहीं, यहां के मकान भी खास डिजाइन के होते हैं। इमारतों को जमी हुई जमीन से बचाने के लिए खंभों पर बनाया जाता है और अपार्टमेंट्स में चौबीसों घंटे सेंट्रल हीटिंग की व्यवस्था रहती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तापमान और गिरता है तो रोजमर्रा की गतिविधियों पर और सख्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। फिलहाल, याकुतिया एक बार फिर दुनिया को यह दिखा रहा है कि इंसान किस तरह धरती के सबसे कठोर मौसम में भी जीवन बनाए रखता है।

इस खबर से जुड़ी जानकारी Sputnik India के आधिकारिक X अकाउंट @Sputnik_India पर साझा की गई रिपोर्ट्स और वीडियो के आधार पर सामने आई है।