केंद्र ने 15वें वित्त आयोग के तहत उत्तराखंड की पंचायतों को 94.236 करोड़ रुपये जारी किए
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केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत उत्तराखंड की पंचायतों को 94.236 करोड़ रुपये जारी कर ग्रामीण विकास को नई गति दी।
अबद्ध और बद्ध अनुदानों से पंचायतों को स्थानीय जरूरतों, स्वच्छता और पेयजल सेवाओं को सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी।
जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायतों को मिली यह राशि संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के लक्ष्यों को धरातल पर उतारने में सहायक होगी।
Uttrakhand/ केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के ग्रामीण स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत कुल 94.236 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की है। यह राशि राज्य में ग्रामीण विकास, बुनियादी सेवाओं और स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होगी।
जारी की गई कुल राशि में से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अबद्ध अनुदान की दूसरी किस्त के रूप में 9,410.03 लाख रुपये राज्य की सभी पात्र 13 जिला पंचायतों, 95 ब्लॉक पंचायतों और 7,784 ग्राम पंचायतों को वितरित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, पहली किस्त के रोके गए हिस्से के तहत 13.60 लाख रुपये की राशि 15 अतिरिक्त पात्र ग्राम पंचायतों को भी जारी की गई है।
पंचायती राज मंत्रालय तथा जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) द्वारा इन अनुदानों की अनुशंसा की जाती है, जिन्हें वित्त मंत्रालय हर वर्ष दो किस्तों में जारी करता है। अबद्ध अनुदान का उपयोग संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जाता है, जिसमें वेतन और स्थापना व्यय शामिल नहीं हैं।
वहीं बद्ध अनुदान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं को सुदृढ़ करना है। इसमें स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति का रखरखाव, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। यह वित्तीय सहायता उत्तराखंड के ग्रामीण ढांचे को मजबूत करने और सतत विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाएगी।