समाज में सामाजिक न्याय व नैतिक श्रम मानकों को बढ़ावा देता है शोषण के विरुद्ध अधिकार- पूर्णिमा प्रांजल

Tue 16-Dec-2025,09:15 PM IST +05:30

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समाज में सामाजिक न्याय व नैतिक श्रम मानकों को बढ़ावा देता है शोषण के विरुद्ध अधिकार- पूर्णिमा प्रांजल Kaushambi-_-Legal-Awareness-Camp
  • बाल अधिकार, पॉक्सो एक्ट और शोषण के विरुद्ध कानूनों की जानकारी.

  • एचआईवी/एड्स पर जागरूकता हेतु प्रतियोगिताओं का आयोजन.

  • प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान. 

Uttar Pradesh / Kaushambi District :

Kaushambi / दिनांक 16 दिसंबर, 2025 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी के तत्त्वावधान में महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज, आलमचन्द्र, चायल कौशाम्बी में शोषण के विरुद्ध अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल अधिकार और एच आई वी व एड्स से बचाव विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में बच्चों को संबोधित करते हुए डॉ. नरेन्द्र दिवाकर ने बाल अधिकार और शोषण के  विरुद्ध बालकों के अधिकारों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार अधिवेशन, किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम और राष्ट्रीय बाल नीति आदि के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को बालक माना गया है। 

बच्चों को मारना, चिढ़ाना, मजाक करना, मजदूरी करवाना, उनके साथ छल करना, उनकी बात अनसुनी करना, अश्लील चित्र या किताब दिखाना, भद्दे इशारे करना, गाली-गलौच करना, डराना-धमकाना, तंग करना व बलात्कार आदि जैसे कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं। बाल अधिकारों के हनन को रोकने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 में शोषण के ख़िलाफ़ अधिकारों का प्रावधान है। अनुच्छेद 45 में बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है। बाल मज़दूरी (निषेध एवं नियमन) अधिनियम, 1986 के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के किसी बच्चे को किसी कारखाने या खदान में काम नहीं लगाया जा सकता। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो एक्ट) के तहत, बालक के लिए मित्रतापूर्ण वातावरण बनाए रखने का प्रावधान है।

तहसीलदार चायल पुष्पेन्द्र गौतम जी ने कहा कि अगर बच्चों के साथ कोई दुर्व्यवहार होता है तो यथाशीघ्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बच्चे के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, स्थानीय बाल कल्याण एजेंसी, पुलिस विभाग या टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर्स से संपर्क करना चाहिए। जाति, निवास और आय आदि सहित तहसील स्तर की किसी भी समस्या के लिए तहसील विधिक सहायता क्लीनिक में कार्यरत पीएलवी और हमसे भी संपर्क कर सकते हैं।

मुख्य अतिथि अपर जिला जज सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पूर्णिमा प्रांजल ने कहा कि भारतीय संविधान सहित कई अन्य विधियों व कानूनों में बाल अधिकारों और शोषण के विरुद्ध प्रावधान हैं। बाल अधिकारों के हनन व बच्चों के शोषण से उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से गहरी चोट पहुंचती है जिससे न केवल उनका स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास प्रभावित होता है अपितु सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है। कई बार इसका असर इतना गहरा होता है और बाद में परिलक्षित होता है, जो वयस्क जीवन में भी रिश्तों और व्यवहार पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

ऐसे अपराधों से निपटने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देश पर लीगल सर्विस यूनिट फ़ॉर चिल्ड्रेन का गठन प्रत्येक जिले में किया गया है। इसके अतिरिक्त मुख्य अतिथि ने पॉक्सो अधिनियम 2012, राष्ट्रीय, राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा प्रदत्त सेवाओं, पॉश एक्ट के अंतर्गत आंतरिक परिवाद समिति,  पीसीपीएनडीटी एक्ट आदि के बारे में विस्तार से बताया। यदि किसी बालक के अधिकारों का उल्लंघन होता है तो हेल्पलाइन नंबर्स 1090, 1098, 181 आदि पर संपर्क कर सकते हैं या फिर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय व तहसीलों में बने लीगल एड क्लीनिक में जाकर नियुक्त पीएलवी से शिकायत करें या विधिक सेवा प्राधिकरण के टोल फ्री नंबर 15100 पर शिकायत दर्ज कराएं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता, उत्तर प्रदेश पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना, आपदाग्रस्त लोगों की मदद आदि से संबंधित प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में भी विस्तार से बताया।

शिविर को जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से अंजू द्विवेदी, जिला समन्वयक पूनम, डा. स्वास्तिक राज, मिशन शक्ति टीम से महिला आरक्षी सपना, बाल कल्याण समिति चेअर पर्सन कमलेश सिंह, विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक राजेन्द्र सिंह आदि ने शिविर को संबोधित किया। 
विद्यालय में स्पेशल स्लोगन, पोस्टर एवं एचआईवी/एड्स महामारी पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया और विजेता प्रतिभागियों को सचिव महोदय के द्वारा ट्रॉफी, पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र तथा प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। स्पेशल स्लोगन के लिए शीबा नाज, पोस्टर प्रतियोगिता के लिए आंचल देवी ने प्रथम, वर्षा ने द्वितीय और अंशिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। स्पेशल गीत के लिए शिवम को भी सम्मानित किया गया। 

एचआईवी एड्स पर वाद विवाद प्रतियोगिता में चांदनी चौधरी और आंचल यादव ने प्रथम, वर्षा ने द्वितीय और अंतिमा यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। शिविर में बाल विवाह मुक्त भारत के लिए शपथ दिलाई गई और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी वीडियो क्लिप का प्रसारण भी किया गया।

कार्यक्रम का संचालन शिक्षक डॉ. नरेन्द्र सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण डॉ. महेन्द्र सोनकर, उदय सिंह, सुभाष प्रजापति, दिनेश पाल, नीरज कुमार, राम मूरत पाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से पूनम, चौकी प्रभारी आलमचन्द्र उप निरीक्षक अभिषेक यादव मय मिशन शक्ति टीम, सपना, स्नेहलता तथा सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

डॉ. नरेन्द्र दिवाकर
मो. 9839675023
   पीएलवी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी