भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य और नगर निकायों की समीक्षा की
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य सरकारों और नगर निकायों की कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।
62 भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में स्मार्ट यातायात प्रबंधन, मेट्रो अंतिम-मील कनेक्टिविटी और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया।
Delhi/ केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के समाधान के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों और संबंधित नगर निकायों की कार्य योजनाओं का विश्लेषण किया गया। यह चौथी बैठक थी और इसका उद्देश्य 3 दिसंबर, 2025 के निर्देशों के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण और वायु गुणवत्ता सुधार पर तेज़ कार्रवाई सुनिश्चित करना था। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह भी बैठक में उपस्थित रहे।
श्री यादव ने कहा कि तैयार की जा रही कार्य योजनाओं की समीक्षा जनवरी 2026 से मासिक स्तर पर होगी और राज्य सरकारें सभी एनसीआर शहरों की योजनाओं को अपने अधिकार क्षेत्र में समन्वित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन आम जनता को असुविधा नहीं होगी। चिन्हित मुद्दों के सुधारात्मक उपाय 15 दिनों के भीतर लागू किए जाएंगे।
बैठक में 62 भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन को सुचारू बनाने, औद्योगिक इकाइयों में इलेक्ट्रिक वाहन/सीएनजी बसों को बढ़ावा देने और कार्यालयों के अलग-अलग समय निर्धारित करने पर जोर दिया गया। गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में स्मार्ट यातायात प्रबंधन प्रणाली (आईटीएमएस) को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए गए। मेट्रो की अंतिम-मील कनेक्टिविटी में सुधार के लिए डीएमआरसी और राज्य अधिकारियों के बीच समन्वय योजना तैयार करने को कहा गया।
निर्माण एवं विध्वंस (सी एंड डी) कचरे का संग्रहण और प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए नगरपालिका अपशिष्ट संग्रहण केंद्रों के उपयोग और अक्टूबर-दिसंबर तक निर्माण प्रतिबंधों की सख्ती की गई। हरियाणा में निष्क्रिय फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को बदलने और धान के भूसे का ऊर्जा उत्पादन में उपयोग करने का निर्देश दिया गया।
अवैध रूप से टायर जलाने वाली इकाइयों और प्रदूषण फैलाने वाले प्रतिष्ठानों को सील करने और ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएम) स्थापित करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक निर्धारित की गई। दिल्ली वन विभाग के समन्वय में एनडीएमसी क्षेत्र में 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
इस बैठक में केंद्रीय और राज्य अधिकारियों के साथ-साथ सीएक्यूएम, डीएमआरसी, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली पुलिस, एनएचएआई, डीडीए और अन्य संबंधित निकायों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।