राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोक सेवा आयोगों के सम्मेलन का उद्घाटन किया, ईमानदारी और शासन पर जोर

Fri 19-Dec-2025,02:27 PM IST +05:30

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोक सेवा आयोगों के सम्मेलन का उद्घाटन किया, ईमानदारी और शासन पर जोर
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हैदराबाद में लोक सेवा आयोगों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर आयोगों की संवैधानिक भूमिका पर जोर दिया।

  • राष्ट्रपति ने आयोगों को समान अवसर, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के महत्व पर बल दिया और महिलाओं व वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला।

Telangana / Hyderabad :

हैदराबाद/ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 19 दिसंबर, 2025 को तेलंगाना के हैदराबाद में तेलंगाना लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने संविधान निर्माताओं द्वारा लोक सेवा आयोगों को दी गई महत्वपू्र्ण भूमिका और उनके कार्यों की अहमियत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संविधान में सेवाओं और लोक सेवा आयोगों के लिए समर्पित भाग यह स्पष्ट करता है कि केंद्र और राज्य स्तर पर आयोगों की जिम्मेदारियों का कितना महत्व है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के आदर्श और समान अवसर संविधान द्वारा लोक सेवा आयोगों के लिए मार्गदर्शक हैं। उन्होंने आयोगों को निर्देश दिया कि वे केवल समान अवसर का पालन न करें, बल्कि चयनित उम्मीदवारों के परिणामों में समानता लाने का प्रयास भी करें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोगों द्वारा चयनित सेवक स्थायी कार्यपालिका का हिस्सा बनते हैं, जो शासन प्रक्रिया में निष्पक्षता, निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।

राष्ट्रपति ने ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को सरकारी नौकरी के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण बताया। उन्होंने कहा कि कौशल और प्रशिक्षण से योग्यता पूरी की जा सकती है, लेकिन सत्यनिष्ठा की कमी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। इसके साथ ही, उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से यह अपेक्षा जताई कि वे वंचित और कमजोर वर्गों की सेवा में लगें और महिलाओं की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील रहें।

राष्ट्रपति ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और अपार विविधता का हवाला देते हुए कहा कि विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक 'विकसित भारत' बनने के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रभावी शासन प्रणालियों की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोक सेवा आयोग जिम्मेदारियों का पालन करते रहेंगे और भविष्य की तैयार टीम बनाने में योगदान देंगे।

सम्मेलन में विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने सम्मेलन में कौशल, प्रशिक्षण, समान अवसर और लैंगिक संवेदनशीलता जैसे विषयों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं और उनकी नियुक्ति न केवल शासन की गुणवत्ता बढ़ाती है बल्कि युवाओं में सरकारी सेवा के प्रति विश्वास और समर्पण भी सुनिश्चित करती है।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि लोक सेवा आयोगों का कार्य लोकतंत्र की मजबूती, पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अहम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग भविष्य में भी अपने आदर्शों और संवैधानिक दायित्वों के प्रति निष्ठावान रहेंगे।