अयोध्या में तमिल छात्रों के दिव्य दर्शन, काशी तमिल संगमम् ने बढ़ाई सांस्कृतिक-राष्ट्रीय एकता

Fri 05-Dec-2025,03:54 PM IST +05:30

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अयोध्या में तमिल छात्रों के दिव्य दर्शन, काशी तमिल संगमम् ने बढ़ाई सांस्कृतिक-राष्ट्रीय एकता
  • अयोध्या में रामलला, हनुमान गढ़ी और सरयू तट दर्शन के दौरान छात्रों ने उत्तर और दक्षिण भारत की साझा आध्यात्मिक संस्कृति को नजदीक से अनुभव किया।

  • तमिल छात्रों ने राम मंदिर परिसर में भक्ति, अनुशासन और उत्साह के साथ दर्शन कर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की राष्ट्रीय भावना को सशक्त संदेश दिया।

Uttar Pradesh / Varanasi :

Kashi/ काशी तमिल संगमम् 4.0 के अंतर्गत पहुंचे छात्र समूह का दूसरा दिन उत्तर भारत की पवित्र नगरी अयोध्या में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आध्यात्मिक अनुभवों का अविस्मरणीय साक्षी बना। सुबह 9 बजे छात्र विशेष बस से जैसे ही श्री राम मंदिर धाम पहुंचे, समूचे परिसर में “जय श्री राम” के घोष से माहौल गूंज उठा। तमिलनाडु से आए इन युवाओं के चेहरों पर उत्साह और आनंद स्पष्ट झलक रहा था, जिसने इस यात्रा को एक सांस्कृतिक उत्सव का स्वरूप दे दिया।

श्री रामलला के प्रथम दिव्य दर्शन ने छात्रों को भावविह्वल कर दिया। उन्होंने पूर्ण अनुशासन और गहन श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की। यह क्षण उत्तर और दक्षिण भारत की आध्यात्मिक परंपराओं के भव्य संगम का प्रतीक बन गया, जहां सभी छात्रों ने क्षेत्रीय सीमाओं को भुलाकर प्रभु श्री राम के प्रति एकात्म भाव से श्रद्धा व्यक्त की।

दर्शन के पश्चात छात्र प्रतिनिधिमंडल ने राम दरबार का अवलोकन किया। राम मंदिर परिसर में भारतीय शिल्प और आध्यात्मिक वास्तुकला की उत्कृष्टता देखकर विद्यार्थी अभिभूत हो उठे। इसके बाद समूह ने हनुमान गढ़ी जाकर भगवान बजरंगबली के दरबार में प्रार्थना की। इस प्राचीन धाम में व्याप्त महान आध्यात्मिक ऊर्जा ने यात्रा को और अधिक अर्थपूर्ण बना दिया।

इसके उपरांत छात्र राम की पैड़ी पहुंचे, जहाँ शांत सरयू नदी का प्राकृतिक सौंदर्य और पवित्र वातावरण छात्रों के मन को मोह लेने वाला था। सरयू की लहरों की मधुर ध्वनि और सूर्य की सुकोमल किरणों ने आध्यात्मिक यात्रा को और अधिक गहन बना दिया।

अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों ने कहा कि अयोध्या दर्शन उनके जीवन का सबसे यादगार और प्रेरणादायक अनुभव रहा। उन्हें पहली बार उत्तर भारत की आस्था, संस्कृति और परंपराओं की विराटता को प्रत्यक्ष जानने का अवसर मिला।

काशी तमिल संगमम् 4.0 निःसंदेह “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के भाव को और अधिक मजबूत कर रहा है। उत्तर और दक्षिण के बीच सांस्कृतिक सेतु बनाते हुए यह कार्यक्रम नई पीढ़ी को भारत की साझा विरासत, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रहा है। इस यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि विविधताओं के बावजूद भारत की आध्यात्मिक धारा एक है और यही भावना राष्ट्र को मजबूत बनाती है।