NCEL को ₹10.3 करोड़ के निर्यात आदेश, सहकारी कृषि निर्यात को वैश्विक बढ़त
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NCEL ने 2025-26 की तीसरी तिमाही में ₹10.3 करोड़ के कृषि निर्यात आदेश हासिल कर सहकारी निर्यात को नई गति दी।
हल्दी, जीरा, गेहूं और मिलेट जैसे उत्पादों के निर्यात से किसानों और सहकारी समितियों की वैश्विक बाजार तक पहुंच बढ़ी।
सरल सदस्यता प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक सहकारी समितियों को बिना जटिलताओं के विदेशी व्यापार से जोड़ा जा रहा है।
Delhi/ वित्तीय वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) ने कृषि निर्यात के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। NCEL को हल्दी, जीरा, गेहूं, मिलेट सहित अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए कुल ₹10.3 करोड़ के निर्यात मूल्य आदेश प्राप्त हुए हैं। यह उपलब्धि सहकारी क्षेत्र को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
NCEL थोक कृषि एवं संबद्ध उत्पादों का निर्यात करता है, जो किसी ब्रांड नाम के अंतर्गत नहीं होता। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों के अधिशेष उत्पादों और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच प्रदान करना है। इसके तहत NCEL देशभर की सहकारी समितियों से कृषि और संबंधित वस्तुओं की खरीद कर उनका निर्यात करता है।
इस व्यवस्था से प्राथमिक सहकारी समितियों को विदेशी व्यापार में भाग लेने के लिए जटिल कानूनी और प्रक्रियात्मक बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता। NCEL के माध्यम से सहकारी समितियां सीधे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बन पा रही हैं, जिससे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिल रहा है।
NCEL की उपविधियों के अनुसार, प्राथमिक सहकारी समितियां केवल ₹10,000 अंकित मूल्य के एक शेयर की खरीद कर इसकी सदस्य बन सकती हैं। इसके अतिरिक्त ₹500 का एकमुश्त अप्रतिदेय प्रवेश शुल्क निर्धारित किया गया है। यह सरल सदस्यता संरचना अधिक से अधिक सहकारी संस्थाओं को निर्यात गतिविधियों से जोड़ने में सहायक बन रही है।
NCEL के निर्यात आदेश भारत के सहकारी कृषि मॉडल को वैश्विक पहचान दिलाने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास को दर्शाते हैं।