Ethiopia संसद में PM MODI का संबोधन, भारत-इथियोपिया रणनीतिक साझेदारी मजबूत
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
भारत और इथियोपिया के ऐतिहासिक, सभ्यतागत और सैन्य संबंधों को रणनीतिक सहयोग में बदलने पर प्रधानमंत्री ने विशेष जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी का इथियोपिया संसद संबोधन भारत-अफ्रीका रणनीतिक साझेदारी, लोकतांत्रिक मूल्यों और साझा विकास दृष्टि को नई दिशा देता है।
Delhi/ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के दौरान आज इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह अवसर दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला रहा। इथियोपिया की संसद को संबोधित करना प्रधानमंत्री के लिए विशेष सम्मान का क्षण था, जिसे उन्होंने भारत की जनता की ओर से मित्रता, सद्भावना और साझी प्रगति की भावना के रूप में अभिव्यक्त किया।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंच से इथियोपिया के किसानों, उद्यमियों, महिलाओं और युवाओं से संवाद करना उनके लिए गर्व की बात है, जो देश के भविष्य को आकार दे रहे हैं। उन्होंने इथियोपिया सरकार और जनता को सर्वोच्च सम्मान “ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया” प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। इस यात्रा के दौरान भारत और इथियोपिया के पारंपरिक संबंधों को औपचारिक रूप से रणनीतिक साझेदारी में बदला गया, जिसे प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के लिए दूरदर्शी कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने भारत और इथियोपिया के प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देश परंपरा और आधुनिक आकांक्षाओं के संतुलन का प्रतीक हैं। उन्होंने भारत के राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ और इथियोपिया के राष्ट्रगान में मातृभूमि की समान भावना का उल्लेख किया। 1941 में इथियोपिया की मुक्ति के लिए भारतीय सैनिकों के योगदान को याद करते हुए उन्होंने अदवा विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने को अपने लिए सम्मान बताया।
भारत-इथियोपिया साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने शिक्षा, व्यापार और मानव संसाधन विकास में भारतीय योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य प्रसंस्करण, नवाचार और कौशल विकास के क्षेत्र में भारत के अनुभव साझा किए तथा इथियोपिया की प्राथमिकताओं के अनुरूप विकास सहयोग जारी रखने का आश्वासन दिया। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान इथियोपिया को वैक्सीन आपूर्ति को भारत के मानवीय दायित्व का उदाहरण बताया।
प्रधानमंत्री ने विकासशील देशों की साझा चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि भारत और इथियोपिया को वैश्विक मंच पर विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करने के लिए एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में इथियोपिया के समर्थन की सराहना की। अफ्रीकी एकता में अदीस अबाबा स्थित अफ्रीकी संघ की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना गर्व का विषय रहा।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-अफ्रीका संबंध पिछले 11 वर्षों में अभूतपूर्व रूप से मजबूत हुए हैं और दोनों पक्षों के शीर्ष नेतृत्व स्तर पर 100 से अधिक दौरे हुए हैं। उन्होंने “अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव” के माध्यम से महाद्वीप में कौशल विकास के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि विकासशील देश अब अपना भविष्य स्वयं लिख रहे हैं।