INDIA AI इम्पैक्ट समिट 2026: समावेशी और भरोसेमंद AI पर वैश्विक कार्रवाई
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भारत-फ्रांस संयुक्त पहल के तहत एआई इम्पैक्ट समिट 2026, नीति से प्रभाव तक वैश्विक एआई सहयोग को दिशा देगा।
‘पीपल, प्लैनेट, प्रोग्रेस’ के तीन सूत्रों पर आधारित सात चक्र, समावेशी और भरोसेमंद एआई को बढ़ावा देंगे।
संयुक्त राष्ट्र मंच से भारत ने एआई को मानव कल्याण और वैश्विक दक्षिण की प्रगति से जोड़ने का दृष्टिकोण रखा।
नई दिल्ली/ भारत के वाणिज्य एवं उद्योग तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने 16 दिसंबर 2025 को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में “फ्रॉम एक्शन टू इम्पैक्ट” कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम फरवरी 2026 में नई दिल्ली में प्रस्तावित ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट’ का औपचारिक कर्टेन रेज़र था, जिसे भारत और फ्रांस ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। अपने संबोधन में श्री प्रसाद ने वैश्विक एआई विमर्श की यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा कि अब फोकस केवल सिद्धांतों पर नहीं, बल्कि ठोस और मापनीय प्रभाव पर होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि एआई से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय चर्चाएं ब्लेचले पार्क में जोखिम-केंद्रित संवाद से शुरू होकर सियोल में नैतिकता और समावेशन तक पहुंचीं और अब पेरिस चरण के बाद क्रियान्वयन पर केंद्रित हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि “एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है,” इसलिए इसे समावेशी, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाना अनिवार्य है।
श्री जितिन प्रसाद ने ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026’ के लिए ‘तीन सूत्रों’-पीपल, प्लैनेट और प्रोग्रेस की परिकल्पना प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि इन सूत्रों को सात विषयगत कार्य समूहों के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिन्हें ‘चक्र’ कहा गया है। ये चक्र मानव पूंजी विकास, सामाजिक सशक्तिकरण हेतु समावेशन, सुरक्षित एवं भरोसेमंद एआई, नवाचार और दक्षता, विज्ञान व अनुसंधान, एआई संसाधनों की समान पहुंच तथा आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।
कार्यक्रम में फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ और वैश्विक तकनीकी संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। सभी वक्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि एआई के लाभों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए बहुपक्षीय सहयोग, नीति-सामंजस्य और क्षमता निर्माण अत्यंत आवश्यक है।
नई दिल्ली में 19-20 फरवरी 2026 को होने वाले ‘इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट’ की घोषणा करते हुए श्री प्रसाद ने सरकारों, उद्योगों, शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स, नागरिक समाज और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन की सफलता घोषणाओं की संख्या से नहीं, बल्कि इससे लोगों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव से आंकी जाएगी। यह आयोजन भारत की उस वैश्विक सोच को दर्शाता है, जिसमें तकनीक को मानव कल्याण, सतत विकास और साझा प्रगति का माध्यम माना गया है।