Vedanta डिमर्जर को NCLT की मंजूरी, 20 लाख निवेशकों के लिए बड़ा मौका

Wed 17-Dec-2025,01:34 AM IST +05:30

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Vedanta डिमर्जर को NCLT की मंजूरी, 20 लाख निवेशकों के लिए बड़ा मौका
  • Vedanta डिमर्जर प्लान को NCLT की मंजूरी मिली। शेयरधारकों को हर नई कंपनी के शेयर मिलेंगे, वैल्यू अनलॉकिंग और निवेश विकल्प बढ़ेंगे।

Delhi / Delhi :

दिल्ली/ भारत की प्रमुख मेटल और माइनिंग कंपनी Vedanta Ltd को अपने लंबे समय से लंबित डिमर्जर प्लान पर आखिरकार बड़ी कानूनी राहत मिल गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), मुंबई बेंच ने Vedanta के डिमर्जर स्कीम को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद न सिर्फ कंपनी के शेयर में दिन के निचले स्तर से रिकवरी देखने को मिली, बल्कि करीब 20 लाख से ज्यादा रिटेल निवेशकों के लिए भी यह खबर बेहद अहम बन गई है।

Vedanta का यह डिमर्जर प्लान कंपनी को एक बड़े कॉन्ग्लोमेरेट से अलग-अलग बिजनेस-फोकस्ड कंपनियों में बदलने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। मंजूरी के बाद Vedanta अब अपने प्रमुख बिजनेस सेगमेंट्स को अलग कंपनियों में विभाजित करेगी। इनमें Aluminium, Oil & Gas, Power, Zinc & Silver Metals और Iron & Steel जैसे प्रमुख सेक्टर शामिल हैं।

कंपनी के प्लान के मुताबिक, Zinc और Silver का बिजनेस फिलहाल Vedanta Ltd के नाम से ही लिस्टेड रहेगा, जबकि बाकी सेगमेंट्स को अलग-अलग कंपनियों के रूप में बाजार में उतारा जाएगा। इससे हर बिजनेस को उसकी वास्तविक क्षमता और परफॉर्मेंस के हिसाब से वैल्यूएशन मिलने की उम्मीद है।

Vedanta ने पहली बार इस डिमर्जर की घोषणा सितंबर 2023 में की थी। उस समय कंपनी का उद्देश्य था कि अलग-अलग बिजनेस को स्वतंत्र पहचान देकर वैल्यू अनलॉकिंग की जाए। शुरुआती योजना में पांच यूनिट्स को अलग करने की बात थी, हालांकि बाद में Base Metals यूनिट को डिमर्ज न करने का फैसला लिया गया।

इस डिमर्जर का सबसे बड़ा फायदा मौजूदा शेयरधारकों को मिलेगा। कंपनी ने साफ किया है कि रिकॉर्ड डेट के आधार पर, Vedanta के मौजूदा शेयरधारकों को हर डिमर्ज हुई कंपनी का एक-एक शेयर मिलेगा। हालांकि रिकॉर्ड डेट अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन बाजार की नजर अब उसी पर टिकी हुई है।

सितंबर तिमाही के अंत तक Vedanta के करीब 20.21 लाख छोटे रिटेल निवेशक थे। ऐसे निवेशकों के लिए यह डिमर्जर बेहद अहम है क्योंकि अब वे अपनी रिस्क प्रोफाइल के अनुसार अलग-अलग बिजनेस में निवेश कर सकेंगे। कोई निवेशक केवल Oil & Gas या Aluminium जैसे सेगमेंट में विश्वास रखता है, तो वह उसी कंपनी को होल्ड या ट्रेड कर पाएगा।

डिमर्जर के बाद हर नई कंपनी का अलग मैनेजमेंट, साफ बैलेंस शीट और स्पष्ट कैश फ्लो होगा। इससे न केवल ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी बल्कि फंड जुटाने, स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और भविष्य की ग्रोथ योजनाओं को लागू करना भी आसान हो जाएगा। Vedanta के प्रवक्ता ने कहा कि NCLT की मंजूरी कंपनी को मजबूत, फोकस्ड और ग्रोथ-ओरिएंटेड एंटिटीज में बदलने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। आने वाले महीनों में रिकॉर्ड डेट और टाइमलाइन से जुड़े ऐलानों पर बाजार की नजर बनी रहेगी।