NBA ने लाल चंदन संरक्षण के लिए आंध्र प्रदेश को ₹14.88 करोड़ ABS निधि जारी की

Fri 19-Dec-2025,01:44 PM IST +05:30

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NBA ने लाल चंदन संरक्षण के लिए आंध्र प्रदेश को ₹14.88 करोड़ ABS निधि जारी की
  • NBA ने ABS तंत्र के तहत लाल चंदन संरक्षण हेतु आंध्र प्रदेश को 14.88 करोड़ रुपये जारी कर जैव विविधता प्रबंधन को मजबूत किया।

  • लाभ-साझाकरण से प्राप्त राशि को अनुसंधान, जीन बैंक, प्रवर्धन तकनीक और समुदाय आधारित विकास में पुनर्निवेश किया जा रहा है।

  • लाल चंदन मूल्यवर्धन से जुड़े उत्पादों और नवाचारों ने संरक्षण को आजीविका से जोड़ने का नया मॉडल प्रस्तुत किया।

Andhra Pradesh / Akasahebpet :

Andhra Pradesh/ राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने जैव विविधता संरक्षण और निष्पक्ष लाभ साझाकरण की दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए आंध्र प्रदेश वन विभाग को 14.88 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। यह राशि पहुंच और लाभ साझाकरण (एबीएस) तंत्र के अंतर्गत लाल चंदन से जुड़े संरक्षण, संवर्धन, पुनर्जनन, अनुसंधान एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए दी गई है।

यह निधि 29 फॉर्म-I आवेदनों से प्राप्त लाभ-साझाकरण अंशदान के रूप में जारी की गई है। इसके साथ ही एनबीए द्वारा एबीएस के अंतर्गत अब तक कुल वितरण 143 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। इनमें से 104 करोड़ रुपये से अधिक केवल आंध्र प्रदेश को लाल चंदन संरक्षण एवं समुदाय आधारित लाभार्थी गतिविधियों के लिए दिए गए हैं, जबकि अन्य राज्यों को भी महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की गई है।

लाल चंदन (Pterocarpus santalinus) एक अत्यंत मूल्यवान और स्थानिक प्रजाति है, जो पूर्वी घाट के सीमित क्षेत्रों में पाई जाती है। अवैध व्यापार से जब्त की गई लकड़ी की सरकारी नीलामी से प्राप्त आय को एबीएस तंत्र के माध्यम से संरक्षण कार्यों में पुनर्निवेश किया जा रहा है।

एनबीए द्वारा समर्थित अनुसंधान परियोजनाओं के अंतर्गत आनुवंशिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण, बीज संग्रह, क्षेत्रीय सर्वेक्षण, ऊतक संवर्धन और वानस्पतिक प्रवर्धन तकनीकों को मजबूत किया गया है। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय लाल चंदन जीन बैंक की स्थापना की दिशा में भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

मूल्यवर्धन के क्षेत्र में लाल चंदन से साबुन, क्रीम, लिप-केयर उत्पाद और लकड़ी कोटिंग जैसे नवाचार विकसित किए गए हैं, जिनमें से कुछ उत्पादों को ट्रेडमार्क और गुणवत्ता प्रमाणन भी प्राप्त हुआ है।

यह पहल न केवल जैव विविधता संरक्षण को सशक्त करती है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हुए अवैध व्यापार पर रोक और सतत विकास को भी बढ़ावा देती है।