दिल्ली प्रदूषण संकट गहराया: मंत्री सिरसा का आरोप, AAP जानबूझकर कूड़ा जला रही

Thu 18-Dec-2025,01:39 AM IST +05:30

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दिल्ली प्रदूषण संकट गहराया: मंत्री सिरसा का आरोप, AAP जानबूझकर कूड़ा जला रही
  • दिल्ली में AQI बेहद खराब, प्रदूषण पर राजनीति तेज। मंत्री सिरसा ने AAP पर कूड़ा जलाकर प्रदूषण बढ़ाने का गंभीर आरोप लगाया।

  • पर्यावरण मंत्री सिरसा का आरोप, AAP से जुड़े लोग जानबूझकर कूड़ा जलाकर बढ़ा रहे हैं दिल्ली का वायु प्रदूषण अवैध उद्योगों पर सर्वे, पड़ोसी राज्यों से संपर्क और 10 हजार इलेक्ट्रिक हीटर वितरण जैसे कदम उठा रही सरकार

Delhi / Delhi :

दिल्ली/ राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार 17 दिसंबर को भी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जिससे आम जनता का दम घुटता नजर आ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है और यह मुद्दा अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तीखी सियासी जंग का रूप ले चुका है।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने के लिए जानबूझकर कूड़ा जलाया जा रहा है और इसके पीछे AAP से जुड़े लोगों की भूमिका सामने आ रही है। मंत्री सिरसा का दावा है कि त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र में AAP के एक पार्षद द्वारा खुद आग लगाकर वीडियो बनाए जाने का मामला सामने आया है, जिससे हालात और बिगड़े।

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई स्तरों पर कार्रवाई कर रही है। अवैध उद्योगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें सभी जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि वहां के प्रदूषण स्तर को नियंत्रित कर दिल्ली पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।

सरकार की ओर से बायोमास जलाने की समस्या से निपटने के लिए अब तक करीब 10 हजार इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए जा चुके हैं, ताकि लोग ठंड से बचने के लिए आग न जलाएं। इसके बावजूद सड़कों, खाली प्लॉट्स और रिहायशी इलाकों में कूड़ा जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो स्थिति को और गंभीर बना रही हैं।

दिल्ली के नागरिकों का कहना है कि प्रदूषण अब सिर्फ पर्यावरणीय नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संकट बन चुका है। बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से ऊपर उठकर ठोस और समन्वित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।